रायपुर: छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य परंपरा संवर्धन अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्री  अनिला भेंडिया के मुख्य आतिथ्य और वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में वीडिया कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज कबीरधाम जिले के जनपद पंचायत बोड़ला में आयुष काढ़ा चूर्ण वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंडि़या बालोद से और वनमंत्री श्री अकबर राजधानी स्थित निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।
महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा कबीरधाम जिले के प्रभारी मंत्री  भेंडि़या ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान कोरोना संकट के दौर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को इस आयुष काढ़ा से काफी मदद मिलेगी। इससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और कोरोना महामारी के संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित भी रख पायेंगे। श्रीमती भेंडि़या ने अवगत कराया कि बीमारी के प्रकोप से सुरक्षा के लिए विधानसभा क्षेत्र कवर्धा में आयुष काढ़ा चूर्ण का वितरण वनमंत्री श्री अकबर की पहल पर किया जा रहा है। यह चूर्ण कोरोना संकट की विषम परिस्थिति से उबरने में काफी सहायक होगा। श्रीमती भेंडि़या ने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए वनमंत्री तथा कवर्धा के विधायक श्री अकबर के प्रति आभार भी जताया।
वनमंत्री  अकबर ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि लोगों में रोग-प्रतिरक्षा के विकास में यह आयुष काढ़ा चूर्ण बहुत मददगार साबित होगा। इसके सेवन से हम सभी कोरोना जैसे गंभीर बीमारी के संक्रमण से स्वयं को बचाव कर सकते हैं। उन्होंने कोरोना संकट के इस विषम घड़ी में फिजिकल डिस्टेंसिंग और कोविड-19 के लिए जारी की गई गाईड लाईन का पालन करने की अपील की है।
वनमंत्री श्री अकबर ने बताया कि इस आयुष काढ़ा चूर्ण को चार औषधीय जड़ी बूटी तुलसी,दालचीनी,सोंठ और कालीमिर्च सेे तैयार किया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस आयुष काढ़ा चूर्ण से हम सभी को काफी सहुलियत होगी। यह हमारी रोग-प्रतिरक्षा के विकास में भी सहायता करेगा। वनमंत्री श्री अकबर ने यह भी बताया कि कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के हर घर परिवार में इस आयुष काढ़ा चूर्ण को वितरण करने की योजना है।
उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनुमोदित तथा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा जारी लायसेंस के अंतर्गत राज्य के परंपरागत प्रशिक्षित वैद्यों द्वारा इस आयुष काढ़ा चूर्ण को निर्धारित अनुपात में तैयार किया गया है। इसका सेवन विधि के बारे में बताया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति को तीन ग्राम चूर्ण 150 मिलीलीटर पानी में उबालना है। इसमें स्वाद के लिए गुड़ अथवा द्राक्षा (किशमिश) डालकर व नीबू के रस की दो-चार बूंद भी डालकर गर्म-गर्म पीना लाभकारी है। काढ़ा का सेवन नाश्ते के पहले सुबह अथवा भोजन के पहले शाम को लेना अच्छा है।