बारिश के मौसम में किसान सहित वनांचल क्षेत्रों में जन-जातीय समूह के लोग खेती-किसानी के कामों में जुटे हैं। ऐसे में दूरस्त आदिवासी अंचल नारायणपुर में घरों में कोई नहीं मिलने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं मीलों पैदल चलकर महिलाओं को उनके खेतों और काम की जगहों में पोषक आहार पहुंचा रही हैं ताकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को समय पर पोषक आहार मिल सके। ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं कोरोना महामारी जैसी विपरीत पस्थिति और जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी पूरी निष्ठा, ईमानदारी और जिम्मेदारी से अपने दायित्व को बखूबी पूरा कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चिठ्ठी लिख कर उनकी होैसला अफजाई और काम की सराहना की है। इससे उत्साहित कार्यकर्ता दोगुने उत्साह से काम कर रही हैं।
महिला बाल विकास अधिकारी श्री रविकांत धु्रर्वे ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आंगनबाड़ियां बंद हैं। एैसी स्थित में नारायणपुर जिले की 556 आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों, गर्भवती और शिशुवती समेत कुल 16 हजार 917 हितग्राहियों को घर पहंुचाकर हेल्दी रेडी-टू-ईट फूड और चिक्की का वितरण किया जा रहा है। घर पर कोई सदस्य न होने पर कार्यकर्ताएं महिलाओं का ठौर पता कर उनके काम की जगह, खेत-खलिहानों तथा अन्य स्थानों पर जाकर पोषण आहार का वितरण कर रही हैं। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कमजोर पाये गये बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हेतु नजदीकी पोषण पुर्नवास केन्द्र में भर्ती कराया जा रहा है। कोरोना वायरस से बचाव के प्रति बच्चों और महिलाओं के साथ ग्रामीणों को भी जागरूक करने में पूरा सहयोग कर रही है। बच्चों को साफ-सफाई, हाथ धोने और फिजिकल डिस्टेंसिंग रखने की बात बता रही हैं।