कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने को सभी कहते हैं। लेकिन लोगों में यह भ्रम है कि कपड़े से बने मास्क वायरस से बचाने में काम नही आते । जबकि कई वैज्ञानिक शोधों में यह बात सामने आई कि  कि कपड़े से बने मास्क पहनने से भी वायरस से सुरक्षा मिलती है। यदि संक्रमण हो भी जाता है तो वह कम तीव्रता या कम वायरल लोड या बिना लक्षण वाला रहता है। सैनफा्रंिससको मे यूनिवर्सिटी आॅफ केलीफोर्निया में जुलाई में हुए अध्ययन मे ंयह बात सामने आई। साथ ही 1 मीटर की दूरी भी जरूरी है।
मास्क सही प्रकार से पहनना भी उतना ही जरूरी है जितना कि उसे पहनना। लोगों में यह धारणा है कि मास्क पहन कर बात करने से आवाज साफ सुनाई नही देती। जबकि ऐसा नही है। यह केवल एक मेंटल बैरियर है। मास्क पहने पहने बस थोड़ा उंचा बोल कर हम वायरस से बच भी सकते हैं और दूसरों को संक्रमण से बचा भी सकते हैं। मास्क गले में लटका कर फिर वापस पहनने से संक्रमण, मास्क की अंदर की सतह तक आता है और नाक तक वापस इसे खींचने  से यह वायरस अंदर चला जाता है।
वैज्ञानिकों का यह भी  कहना है कि बंद जगहें ,बंद कमरों में समूह में रहने से बचना चाहिए। इसके स्थान पर खुली जगह में रहकर गतिविधियां करनी चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के बंद स्थान पर रहने से संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और उसके उस स्थान से जाने के बाद भी वायरस वातावरण में रहता है।