राज्य के वनांचलों, अनुसूचित जाति बहुल गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 24 लाख 54 हजार परिवारों को घर-घर नल कनेक्शन देने काम अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों को निशुल्क नल कनेक्शन दिए जाएंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में इस कार्य को तेजी से पूरा करने की कार्ययोजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई गई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुध्द पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्ययोजना के अनुसार निविदाकारों को प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर कार्य दिए जा रहे हैं।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सुविधा के लिए 9485.60 करोड़ रूपए के लागत वाले उच्चस्तरीय जलागार निर्माण, पाईप लाइन विस्तार, सिविल वर्क, घरेलू कनेक्शन, क्लोरिनेटर एवं पाॅवर पंप स्थापना के कार्य के लिए निविदाकारों को काम दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के उपरांत निविदाकारों के लिए रूचि की अभिरूचि के माध्यम से दरें प्राप्त कर औचित्य दर प्रतिपादित की गई। उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से तय समय-सीमा सितंबर 2023 तक पेयजल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। द्वितीय चरण में जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए दर अनुबंध (कान्ट्रेक्ट) करने वाले 1326 इम्पेनल्ड निविदाकारों की सूची विभाग द्वारा जारी की गई है, इन निविदाकारों को जल्द ही प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर 7080 करोड़ रुपए के कार्य दिए जाएंगे।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी विभागों को निर्माण कार्यों के लिए नए एसओआर लागू करने कहा था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सबसे पहले राज्य में अपना नया यूएसओआर-2020 जारी कर निर्माण-संधारण संबंधी कार्य में लागू किया गया है। नए एसओआर की दरें लागू होने से पेयजल आपूर्ति संबंधी अद्योसंरचना के निर्माण में कम राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए पहली बार वृह्द स्तर पर टंकी निर्माण, पाईपलाइन बिछाने के कार्य और घरेलू कनेक्शन इत्यादि कार्य तेजी से होगा। प्रमुख अभियंता श्री एम.एल. अग्रवाल ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए दर अनुबंध (कान्ट्रेक्ट रेट) करने वाले 1326 निविदाकारों में 872 सी और डी श्रेणी, 454 ए और बी श्रेणी के निविदाकार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सी और बी श्रेणी के निविदाकारों को यथासंभव उनके स्वयं के जिले में ही कार्य आबंटित किए जाएंगे।