मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य में पिछले दो साल में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। मछली पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए राज्य के दो मत्स्य कृषकों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा। 21 नवंबर को विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर भारत शासन द्वारा ए.पी. सिम्पोजियम हॉल, पूसा कैंपस नई दिल्ली में आयोजित समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसमें छत्तीसगढ़ राज्य के मेसर्स एम.एम.फिश सीड़ कल्टीवेशन प्राइवेट लिमिटेड, माना, जिला रायपुर को बेस्ट फिशरीज इन्टरप्राइजे़स के तहत् दो लाख रूपए का नगद पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र एवं मेसर्स एम.आई.के कम्पनी, सिहावा, जिला धमतरी को बेस्ट प्रोप्राईटरी फर्म संवर्ग के तहत् एक लाख रूपए का नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल तथा कृषि एवं जल संसाधन मंत्री  रविन्द्र चौबे ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित करने वाले मत्स्य कृषकों एवं संस्थाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

राज्य में विगत दो वर्षो में मत्स्य कृषकों द्वारा स्वयं की भूमि पर 1000 तालाबों का निर्माण कर पंगेशियस प्रजाति का उत्पादन किया जा रहा है। प्रदेश के प्रगतिशील मत्स्य कृषक एवं जिला कांकेर के कृषकों द्वारा समूह में तालाबों का निर्माण कर विशेषकर पंगेशियस मत्स्य प्रजाति का नवीनतम तकनीक के साथ-साथ पूरक आहार का उपयोग कर 60-70 मेट्रिक टन प्रति हेक्टेयर तक मत्स्य उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं जिससे प्रदेश वासियों को स्वस्थ्य प्रोटीन युक्त ताजा आहार उपलब्ध हो रहा हैं। राज्य में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हेतु तीव्र बढ़वार वाली मत्स्य ‘‘तिलापिया‘ का उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। निजी क्षेत्र में एक तिलापिया बीज उत्पादन हेतु हैचरी रायपुर में स्थापित की गई हैं प्रदेश में प्रति दिवस लगभग 20 टन तिलाबिया की मांग है। तिलापिया मत्स्य का निर्यात अन्य राज्यों जैसे केरल, उत्तर प्रदेश, मघ्य प्रदेश को किया जा रहा है। प्रदेश में इस वर्ष 3.00 करोड़ तिलापिया मत्स्य बीज निजी क्षेत्र में उत्पादित किया गया है।