रायपुर – स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने असाक्षरों को साक्षर बनाने के लिए संचालित होने वाले पढ़ना लिखना अभियान का समय-सीमा में क्रियान्वयन करने के लिए सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए कार्ययोजना बनाकर पढ़ना लिखना अभियान की मॉनिटरिंग कर उसे सफल बनाया जाना सुनिश्चित करें।
स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने कलेक्टरों से कहा है कि पढ़ना लिखना अभियान के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को साक्षर कर शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल किया जाना है। इस अभियान के तहत प्रदेश के लगभग एक तिहाई असाक्षरों को आगामी 5 वर्षों में साक्षर किया जाएगा। इस अभियान के तहत असाक्षरों को स्वयंसेवी शिक्षकों द्वारा 120 घंटे की पढ़ाई करायी जाएगी।
डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में छत्तीसगढ़ को ढाई लाख असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य दिया गया है। राज्य साक्षरता मिशन द्वारा जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए गए है। इस वर्ष समय कम बचा है, अतः आवश्यक है कि कलेक्टरों द्वारा चिन्हांकित ग्राम पंचायत और नगरीय निकायों के वार्डों में ही सर्वप्रथम कार्य किया जाए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने निर्देश दिए है कि प्रदेश के सभी जिलों में 14 से 19 दिसंबर 2020 के बीच एक साथ, चयनित ग्राम पंचायत और वार्ड में, असाक्षरों का चिन्हांकन कराया जाए। इसी अनुक्रम में सहयोगी दलों का गठन, स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन, मैचिंग-बैचिंग, मोहल्ला साक्षरता केन्द्र के लिए स्थल का चिन्हांकन, वातावरण निर्माण के लिए नारा लेखन इत्यादि कार्य की तैयारी भी की जाए। उन्होंने कहा है कि इस कार्य में स्वयंसेवी शिक्षकों को अभिप्रेरित किया जाना आवश्यक है। अतः जिले में विशेष रणनीति बनाए जाने की आवश्यकता है।