रायपुर – लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज अपने प्रभार वाले जिले कांकेर में पत्रकार वार्ता लेकर सरकार के दो साल के उपलब्धियों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में गांव, गरीब, किसान, मजदूर, वनाश्रितों, महिलाओं, बच्चों, युवाओं सहित प्रदेश के सभी वर्गों के विकास के लिए अनेक कदम उठाये हैं। प्रदेश के 18 लाख किसानों का करीब 9 हजार करोड़ रूपये अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया है। इसी प्रकार जल कर के रूप में 17 लाख किसानों का 244 करोड़ रूपये बकाया माफ किये गये हैं। बस्तर जिले में किसानों की 1764.61 हेक्टेयर अधिग्रहित भूमि वापस की गई। किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से प्रदेश में राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई तथा 19 लाख से अधिक किसानों को 5750 करोड़ रूपये की आदान सहायता चार किश्तों में दिया जा रहा है, तीन किश्तों में 4500 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है, अंतिम किश्त आगामी मार्च महीने में दी जाएगी।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि दो साल में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 12.06 लाख से बढ़कर 18.36 लाख हो गई है। धान का पंजीयन रकबा भी 24.46 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 27.59 लाख हेक्टेयर हो गया है। जल संवर्धन, पशु संवर्धन, मृदा स्वास्थ्य एवं पोषण प्रबंधन के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन देने के लिए हमारी सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत् छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी के संरक्षण एवं संवर्धन का महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। राज्य में 6430 गौठान स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें से 4487 निर्मित हो चुके हैं। इन गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ ही ग्रामीणों को विशेषकर समूह की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए अनेक आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना अंतर्गत दो रूपये किलो की दर से गौठानों में गोबर की खरीदी की जा रही है, अब तक एक लाख 36 हजार गोबर विक्रेताओं को 59 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है। खरीदे गये गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाकर 10 रूपये प्रति किलो की दर से विक्रय किया जा रहा है। भू-जल संवर्धन के लिए सभी जिलों में नरवा विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 1028 नालों का चयन कर संवर्धन की योजना बनाई गई है।

प्रदेश में दो वर्षां में 57 हजार से अधिक पंपों का ऊर्जीकरण किया गया है। विद्युत पहुंचविहीन क्षेत्रों में दो वर्षों में 25 हजार से अधिक सोलर पंपों की स्थापना की गई है। किसानों की भूमि के अधिग्रहण पर मुआवजा राशि दोगुना से बढ़ाकर अब चार गुना कर दिया गया है। मछली पालन को खेती का दर्जा दिया गया है। लाख की खेती के लिए किसानों को अब सहकारी समितियों से अन्य फसलों की तरह ऋण की सुविधा दी गई है। इन्द्रावती नदी पर 22 हजार 653 करोड़ रूपये की बोधघाट बहुउद्देश्यीय परियोजना का काम आगे बढ़ा है, इससे बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले में 03 लाख 66 हजार हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। वनांचल एवं दूरस्थ क्षेत्रों में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजनांतर्गत लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। कांकेर जिले में 56 हजार से अधिक लोगों को निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई गई है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना से प्रदेश के 65 लाख परिवारों को ईलाज की सुविधा दी गई है। इस योजना के अंतर्गत कांकेर जिले में 17 हजार 592 परिवारों को 11 करोड़ 25 लाख 13 हजार 525 रूपये का निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान किया गया है। महासमुंद, कांकेर और कोरबा जिले में नये मेडिकल कॉलेज शुरू किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत् लॉकडाउन अवधि में प्रदेश में नियमित रूप से 03 लाख 34 हजार हितग्राहियों को सूखा राशन का वितरण किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के माध्यम से प्रदेश के 51 हजार 455 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लगभग 24 लाख 38 हजार हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की अनुदान राशि 15 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये कर दिया गया है।

प्रदेश में पहली बार शिक्षा के अधिकार के तहत् कक्षा 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत् 53 उत्कृष्ट अंग्रेजी मॉडल स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, अगले वर्ष 100 नये स्कूल खोले जाएंगे। प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपये से बढ़ाकर 4 हजार रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक, सामाजिक सुरक्षा योजना लागू करके 12 लाख 65 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से अब 52 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है, 2018 में यह संख्या केवल 7 थी। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खान-पान एवं व्यंजनों के लिए प्रदेश के सभी जिलों में ‘गढ़कलेवा’ की शुरूआत की गई है। राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने, समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने नवीन औद्योगिक नीति 2019-24 लागू की गई है। एक मार्च 2019 से उपभोक्ताओं को हॉफ बिजली बिल की सुविधा दी गई है, योजना शुरू होने से अब तक 38 लाख 42 हजार उपभोक्ताओं को 1336 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी गई है। वरिष्ठ मीडियाकर्मी सम्मान निधि की राशि 05 हजार रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 10 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है, पात्रता के लिए आयु सीमा 62 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष की गई है। मीडिया के बदलते स्वरूप को देखते हुए टी.व्ही. चैनलों, वेब पोर्टल, समाचार पत्रिका और समाचार एजेंसी के पत्रकारों को भी अधिमान्यता देने का प्रावधान किया गया है। पहली बार विकासखण्ड स्तर के पत्रकारों के लिए भी अधिमान्यता का प्रावधान किया गया है.

प्रभारी मंत्री की पत्रकार वार्ता के दौरान संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव, कलेक्टर श्री चन्दन कुमार और पुलिस अधीक्षक श्री एम.आर. अहिरे, जिला पंचायत के सीईओ सहित अनेक मीडियाकर्मी भी मौजूद थे।