गोधन न्याय योजना के तहत अब तक जिले के 6 हजार 611 पशुपालकों को 1 करोड 33 लाख 37 हजार रूपए का भुगतान उनके खाते मे अंतरित किया जा चुका है। गोबर के विक्रय से राशि प्राप्त होने पर पशुपालकों को अब आर्थिक संबल मिल रहा है।
गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी श्री यशपाल प्रेक्षा ने बताया कि जिले के 158 गौठानों में 12वें चरण के अंतर्गत अब तक कुल 66685.34 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है जिसके एवज में 1 करोड़ 33 लाख 37 हजार रूपए से अधिक की राशि का भुगतान पंजीकृत पशुपालकों के खाते में किया गया है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने की प्रक्रिया भी गोठानों में महिला स्व सहायता समूहों के द्वारा सतत रूप से चल रही है। जिले में अब तक 1258.60 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया गया है। इसमे से 574.15 क्विंटल वर्मी खाद का विक्रय कर 4 लाख 94 हजार रुपये की राशि महिला स्व-सहायता समूहों ने अर्जित किया है। वर्मी खाद का विक्रय उद्यानिकी विभाग को 442.98 क्विंटल, वन विभाग को 12.50 क्विंटल, किसानों को 96.90 क्विंटल तथा अन्य लोगों को 21.77 क्विंटल किया गया है। सरगुजा जिले में क्रय गोबर के शत प्रतिशत उपयोग हेतु वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के अलावा गोबर से निर्मित अन्य उत्पादों जैसे दीया, गोबर गमला, तुलसी चौरा, गौकाष्ठ, धूप अगरबत्ती, मूर्ति आदि का निर्माण महिला स्व-सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है जिससे समूह की महिलाओं को लगभग 84000.00 रूपये का लाभ मिल चुका है। सरगुजा जिले में अभी तक 40 हजार 377 किग्रा वर्मी कम्पोस्ट उद्यान विभाग, वन विभाग तथा किसानों को विक्रय किया गया है जिसके एवज में 323640 रूपये गौठान समितियों के खाते में अंतरित किया गया है। वर्मी कम्पोस्ट के अधिकतम विक्रय मूल्य प्राप्त करने हेतु उसमें आवश्यक सूक्ष्मजीव मिलाकर उसकी गुणवत्ता बढाई जा रही है एवं विक्रय हेतु विभिन्न कम्पनियों से चर्चा चल रही है।