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-केरल के सांसद बिनॉय विश्वम ने राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक में खनन के लिए चल रहे जमीन अधिग्रहण पर सवाल उठाया है। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर राज्यसभा में बिनॉय ने केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी से पूछा कि क्या मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक के लिए जमीन अधिग्रहण से पहले पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं की सहमति ली गई?
सवाल के जवाब में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह अधिग्रहण कोल बियरर एक्ट के तहत हो रही है। इसमें ग्रामसभाओं से सहमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें एक व्यवस्था है जिसके तहत अधिग्रहीत की जा रही जमीन से हितबद्ध व्यक्ति अधिसूचना प्रकाशन के 30 दिनों के भीतर आपत्ति कर सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार के खनिज साधन विभाग ने एक आपत्ति की है। उस आपत्ति के मुताबिक मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक उनके लेमरु एलिफेंट रिजर्व के भीतर है। छत्तीसगढ़ के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने भी इस अधिग्रहण पर आपत्ति की है। वहीं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला की आपत्ति है। स्थानीय गोंड और उरांव जनजातियों की ओर से एक आपत्ति मिली है। इसमें 468 लोगों के हस्ताक्षर हैं।
आपको बता दें केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रल्हाद जोशी जब बीते वर्ष जुलाई में राज्य में आये थे तब कहा था कि छत्तीसगढ़ में कोयले के वाणिज्यिक खनन की शुरूआत होने से संवृद्धि और विकास के नए युग की शुरुआत होगी। अपनी छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए, जोशी ने कहा कि इसके माध्यम से राज्य के लोगों के लिए लगभग 60,000 अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन के अंतर्गत, राज्य को एक वर्ष में न्यूनतम 4,400 करोड़ रुपये का राजस्व और 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त न्यूनतम लाभांश प्राप्त होगा। इसके अलावा, वाणिज्यिक कोयला खनन, राज्य के विभिन्न जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) निधियों में लगभग 25 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जिसका उपयोग कोलफील्ड क्षेत्रों के आसपास के इलाकों के समावेशी विकास के लिए किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ रायपुर में बैठक की।
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