टीकमगढ़-खजुराहो खंड की सेक्शनल गति को बढ़ा कर 110 किलोमीटर प्रति घंटा किया गया
आज दिनांक 10.02.2021 को महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे श्री विनय कुमार त्रिपाठी ने उत्तर मध्य रेलवे पर संरक्षा, परिसंपत्ति विश्वसनीयता, समय पालनता, माल लदानन, राजस्व अर्जन और मानव संसाधन विकास की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस बैठक में अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे श्री रंजन यादव, संबंधित प्रमुख विभागाध्यक्ष, प्रयागराज, झांसी और आगरा के मंडल रेल प्रबंधक और मुख्यालय और मंडलों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
संरक्षा समीक्षा के दौरान, खुली वैगन की कवरिंग शीट को उचित रूप से बांधने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां; रनिंग लाइन के पास फिक्स्ड संरचना के लिए समुचित फाउंडेशन; वैगन दरवाजे और उसकी लॉकिंग व्यवस्था का अनुरक्षण आदि पर चर्चा की गई। एसेट की विश्वसनीयता, गाड़ियों की समय पालनता, माल लदान, राजस्व अर्जन आदि की भी समीक्षा की गई। समय पालनता के प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने कहा कि चालक दल, गार्ड और ऑनबोर्ड मेंटेनेंस स्टाफ के अलावा अन्य ऑनबोर्ड रेल कर्मियों को भी अलार्म चेन पुलिंग के कारण ट्रेनों के विलंबन को कम करने के लिए एलएचबी कोच एसीपी रीसेट चाभी से लैस किया जाएगा।
110 किलोमीटर के टीकमगढ़-खजुराहो खंड पर गतिशीलता के सुधार के क्रम में सेक्शनल गति को दिनांक 09 फरवरी से 70 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक किया गया है। ललितपुर से टीकमगढ़ तक के शेष सेक्शन में गति वृद्धि के लिए आवश्यक कार्य पूरे कर लिए गए हैं और आवश्यक निरीक्षण और प्रमाणन के बाद सेक्शनल गति बढ़ाई जाएगी।
महत्वपूर्ण गतिशीलता सुधार कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए, महाप्रबंधक श्री त्रिपाठी ने उँचडीह और मेजा थर्मल पावर प्लांट के बीच कनेक्टिंग ट्रैक पर गति बढ़ाने और विद्युतीकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को जल्द पूरा करने पर जोर दिया। एक बार यह पूरा होने के बाद प्रयागराज मंडल और एनटीपीसी मेजा के बीच कोयला रेक के तेजी से टर्न अराउंड में मदद मिलेगी।
आगरा कैंट-बांदीकुई में निर्बाध विद्युतचालित ट्रेन संचालन भी एक उच्च प्राथमिकता परियोजना है। 150 किलोमीटर के इस खंड में उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर पश्चिम रेलवे के मध्य 24 ट्रेन का औसत दैनिक इंटरचेंज है। इस खंड में निर्बाध विद्युतचालित ट्रेन संचालन से इस खंड पर डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में बदलाव के समय की बचत होगी और गाड़ियों की गतिशीलता में काफी सुधार करेगा। प्रमुख ट्रैक्शन सब-स्टेशन (TSS) को जल्द प्रारंभ करने के अलावा, चालू वित्त वर्ष के भीतर इस सेक्शन में इलेक्ट्रिक लोको वाली ट्रेनों को शुरू करने के लिए वैकल्पिक ट्रैक्शन पावर सप्लाई की व्यवस्था भी की जा रही है।
बैठक में प्रयागराज जंक्शन पर यार्ड रीमॉडेलिंग और मौजूदा रिले आधारित इंटरलॉकिंग (आरआरआई) के इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (ईआई) के साथ प्रतिस्थापन से संबंधित प्रमुख कार्य पर भी चर्चा की गई। यह कार्य प्रयागराज जंक्शन पर ट्रेन की हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाने, के साथ-साथ वाराणसी-प्रयागराज जंक्शन के दोहरीकरण कार्य को पूरा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रयागराज जंक्शन पर दो नए प्लेटफार्मों के निर्माण और प्रयागराज से बम्हरौली के लिए चौथी लाइन और पं. दीन दयाल उपाध्याय जं की ओर तीसरी लाइन की कनेक्टिविटी के लिए प्रावधान भी इस कार्य का हिस्सा हैं। महाप्रबंधक श्री वी के त्रिपाठी ने प्रयागराज मंडल और मुख्यालय के अधिकारियों से इस महत्वपूर्ण कार्य की विस्तृत कार्य योजना को फ़रवरी 2021 के भीतर अंतिम रूप देने के लिए कहा। इस महत्वपूर्ण कार्य के जल्द पूरा होने से न केवल उत्तर मध्य रेलवे और पड़ोसी जोनों को लाभ होगा, बल्कि नई दिल्ली- हावड़ा ट्रंक मार्ग पर ट्रेनों की समग्र गतिशीलता में भी वृद्धि होगी।