आज मंगलवार को देश से तीन दुखद भयावह तस्वीर और हादसा सामने आया है जिसमें छह साल के बच्चे आग में झुलस कर मृत्यु हो गयी वही ग्यारह साल की बच्ची का सर धड़ से अलग हो गया और होली की रात बिजली के तार से आग लगने के कारण एक ही परिवार के 3 बच्चे झुलस गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई
पहली घटना जिसमे बिहार के अररिया के कवैया गाँव में एक ही घर में खेल रहे 6 बच्चों की आग में जलने से मौत हो गई। ये सभी एक कमरे में मक्के के भुट्टे सेंक रहे थे। पास में ही मवेशियों का सूखा चारा रखा था। जिसमें चिंगारी से आग लग गई और बच्चे उसमें घिर गए। बच्चों की चीख सुनकर परिवार वाले मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। हादसा सुबह सवा नौ बजे हुआ। जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान अफसर (5), गुलनाज (2.5), दिलबर (4), बरकस (3), अली हसन (4) और खुशनेहा (2.5) के रूप में हुई है। एक बच्चे अली हसन के चाचा नय्यर ने बताया कि आग अचानक भड़क गई। आग इतनी तेज थी कि लोगों को पता भी नहीं चल पाया कि अंदर कितने बच्चे हैं। जब आग बुझाई गई, तब सभी को कमरे में 6 बच्चों की मौजूदगी के बारे में पता चला। जब तक उन्हें निकाला गया, तब तक सभी बच्चे झुलस चुके थे।
दूसरी घटना मध्य प्रदेश के इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर हादसे में 11 साल की बच्ची तमन्ना की गर्दन धड़ से अलग होने की है जिसमे वो उलटी करने के लिए बस से सर निकला था और ट्रक बस को क्रॉस करने लगा। इस बीच वह बस से रगड़ता हुआ निकला। इस दौरान बस में ड्राइवर सीट के पीछे बैठी तमन्ना का सिर खिड़की से बाहर था जो बस और ट्रक के बीच में आ गया। इस मामले में पुलिस ने ट्रक ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर ट्रक जब्त कर लिया है।
तीसरी घटना भागलपुर में होली की रात बिजली के तार से आग लगने के कारण एक ही परिवार के 3 बच्चे झुलस गए। मौके पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे में 2 बेटी और 1 मासूम बेटे को बचाने में माता-पिता भी बुरी तरह जल गए। जब आग लगी, उस समय घर में प्रीति कुमारी (8 वर्ष), नैना कुमारी (6 वर्ष) और सूरज कुमार (1 वर्ष) गहरी नींद में सो रहे थे। लेकिन, आग ने जब प्रचंड रूप धर लिया तो पिता लालमुनि मंडल और मां रीता देवी की आंखें खुल गईं। बच्चों को जलते देख माता-पिता ने तीनों बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की। दोनों बुरी तरह जल गए, लेकिन अपने बच्चों को नहीं बचा सके।