लोगों में बना भय का माहौल,सरकार मौन – राजेन्द्र वर्मा , वरिष्ठ पत्रकार ,भोपाल।

एक तरफ राज्य सरकार कोविड की नई-नई गाइड लाइन जारी करने में लगी है,तो दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी,लापरवाही के चलते मौतों का सिलसिला जारी है। सरकार अपने अस्पतालों पर नियंत्रण करने में असहाय हो रही है। भोपाल के जेपी अस्पताल में ऑक्सीजन कांड होने के बाद आज सागर,खरगौन में यही लापरवाही सामने आई है। घटना में सागर में 4 और खरगौन में एक मौत हो गई। कोई भी इन मौतों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है। वहीं भोपाल के ऑक्सीजन सप्लायर ऑक्सीजन के स्टॉक में परेशानी बताने लगे हैं। यदि ऐसी ही स्थिति रही तो कोरोना के पीक पर आते है भयावह स्थिति बन जाएगी। जिस प्रकार

से कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं,उसको देखते हुए

होम कोरन्टीन के लिए व्यवस्था नही:

इमरजेंसी व्यवस्थाएं नही की गईं हैं। अभी तक होटल,गेस्टहाउस को आइसलोसन वार्ड बनाने के विकल्पों पर भी ध्यान नही दिया जा रहा है। घरों में होम कोरन्टीन मरीजों के चेकअप के लिए एम्बुलेंस और डॉक्टर्स की व्यवस्था भी नही की गई है। उधर सरकारी अस्पताल,निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों को भर्ती भी नही कर रहे हैं। ऑक्सीजन और पलंग की समस्या बताकर होम कोरन्टीन की सलाह दी जा रही है। ऐसे में बीपी,शुगर,हार्ट,टीबी रोगियों पर आफत आन पड़ी है। सरकार को चाहिए कि होम कोरन्टीन मरीजों के चेकअप के लिए डॉक्टर,ऑक्सीजन,वेंटिलेटर से लैस मेडिकल वाहन घर-घर पहुंचाई जाए। ताकि घरों में कोरन्टीन लोगों की भी जान बचाई जा सके।ऐसा लगता है कि सरकार के अफसर अभी तक गाइडलाइन तैयार करने के अलावा कोई इफेक्टिव योजना धरातल पर नही बना पाए हैं।

गाइड लाइन का पालन नही :

उधर निजी अस्पतालों ने अभी तक कोरोना जांच के सम्बंध में सरकारी गाइड लाइन को फॉलो नही किया है। न जांच की राशि न इलाज के खर्च का व्योरा अस्पतालों ने डिस्प्ले किया है। मरीजों से वही मनमाना शुल्क वशूल किया जा रहा है। बनाये गए नोडल अधिकारी भी निजी अस्पतालों तक नही पहुंचे हैं। यह दूर से ही तमाशबीन बने हुए हैं।

पावरफुल हैं संचालक:

सूत्रों की माने तो नर्सिंगहोम संचालक सत्ता के गलियारों में अच्छा रसूख रखते हैं। जिसके चलते यह मनमानी पर उतारूँ हैं। सरकारी गाइड लाइन का पालन भी इसीलिए नही हो रहा है। इनके सम्बन्ध मंत्री,सन्तरी,विधायक,अफसरों से हैं। जिसके चलते यह नियमों की परवाह नही करते।