कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को भोपाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव देकर भारतीय जनता पार्टी में हलचल ला दी है। कोई इसे गौर का स्टाइल बता रहा है तो कोई ‘गौर करने की बात’ कह रहा है।
गौर ने गुरुवार की सुबह कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात होने और भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिए जाने का खुलासा कर सियासी हलचल ला दी है।
गौर के बयान पर पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि गौर का यह अपना स्टाइल है, अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश है। अब तो दिग्विजय सिंह को स्वयं बताना चाहिए कि गौर से उनकी क्या बात हुई।
दूसरी ओर, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने गौर व दिग्विजय सिंह की मुलाकात पर कहा कि कई लोग हैं जो चचार्ओं में रहना चाहते हैं, गौर भी उन्हीं लेागों में से एक हैं। अब पार्टी ठीक तरह से गौर पर गौर करेगी।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंंह बुधवार की रात गौर के घर खाने पर गए थे। इस दौरान सिंह ने गौर को भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का ‘ऑफर’ दिया। स्वयं गौर ने गुरुवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि यह बात सही है कि सिंह ने उन्हें कांग्रेस से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है।
गौर ने कहा, “कोई घर पर आया था और ऑफर दिया तो क्या कह सकते हैं, फैसला तो हमें करना है।”
उन्होंने बताया, “दिग्विजय ने लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया, जिस पर मैंने कहा कि मंशा तो नहीं है, तब वे बोले कि विचार करिए। मैंने कहा कि विचार करेंगे।”
गौर ने आगे कहा कि ऑफर तो कोई भी कर सकता है, कोई आपके पास आए और कहे कि कुछ बात करना चाहते हैं तो क्या उससे बात नहीं करेंगे? विचार करने कहा है तो विचार करेंगे।
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई नेताओं ने उम्मीदवार न बनाए जाने पर बगावत कर दी थी और निर्दलीय या दूसरे दल के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे थे। पार्टी के कई नेताओं के बागी तेवरों के कारण ही भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा है, अब फिर कांग्रेस ने भाजपा के बागियों का मन टटोलना शुरू कर दिया है।