मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना महामारी से अनेक परिवारों में कोई भी कमाने वाला और पालन-पोषण करने वाला सदस्य जीवित नहीं बचा है। ऐसे परिवारों के सामने जीवन यापन का संकट पैदा हो गया है। बच्चों के पिता एवं अभिभावक और बुजुर्गों के बुढ़ापे की लाठी उनके युवा बेटे तथा परिवार के कमाने वाले सदस्य अब इस दुनिया में नहीं है। जीविकोपार्जन का सहारा छिन चुके ऐसे परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा पाँच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जायेगी।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा अनाथ बच्चों, बुजुर्गों और परिवारों को जीवन यापन में कोई परेशानी नहीं होने नहीं दी जायेगी। प्रदेश सरकार पूरा ध्यान रखेगी। अनाथ बच्चों की शिक्षा का नि:शुल्क प्रबंध किया जाएगा, जिससे वे अपनी पढ़ाई बिना बाधा जारी रख सकें। अनाथ बच्चों, बुजुर्गों और परिवारों को पात्रता नहीं होने के बाद भी नि:शुल्क राशन दिया जाएगा। उनके भोजन की समस्या का समाधान होगा।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि अनाथ बच्चों और बुजुर्गों के परिवार और अनाथ हुए परिवार का कोई सदस्य यदि काम-धंधा करना चाहता है तो उसको प्रदेश सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे दु:खी परिवार जिनका कोई सहारा नहीं है उनका सहारा प्रदेश की सरकार है। अनाथ बच्चे हमारे प्रदेश के बच्चे हैं। इनकी देखभाल प्रदेश करेगा, प्रदेश सरकार करेगी। राज्य सरकार किसी भी बच्चे को बेसहारा नहीं छोड़ सकती है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़ कर रख दिया है। अनेक बच्चों के सिर से उनके माता-पिता, अभिभावक और उनका पालन-पोषण करने वाले परिवार जनों का साया छिन गया है। बच्चों के जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है।