रायपुर. छत्तीसगढ़ में 13 जुलाई से बसों के पहिए थम सकते हैं. प्रदेश में संचालित यात्री बसों का किराया 40 फीसदी बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है. जिससे प्रदेश में चल रही करीब 12 हजारों बसों के पहिए थम जाएंगे. यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली ने न्यूज़ 18 को बताया कि बस ऑपरेटर महंगाई की मार से जूझ रहे हैं. सरकार ने साल 2018 में किराया बढ़ाया गया था. लेकिन अब डीजल के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हो चुकी है. साथ ही डीजल पर केन्द्र सरकार द्वारा 43 और राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत का टैक्स लिया जा रहा है. चेचिस और बॉडी पर जीएसटी टैक्स भी 28 प्रतिशत हो गया है.
यातायात महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अनवर अली का कहना है कि चिस और बॉडी पहले वैट टैक्स केवल 18 प्रतिशत था. इसके अलावा इंश्योरेंट की दर में भी 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और टोल नाकों में भी टैक्स बढ़ चुका है. इसलिए कई ऑपरेटरों ने बसों का संचालन ही बंद कर दिया है और कई बर्बादी की कगार पर हैं. ऐसे में बसों का किराया बढ़ाना जरूर है.