कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में कृषि- उद्यानिकी-पशुपालन-मछलीपालन विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने किसानों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने उर्वरक के भण्डारण और आबंटन में किसी भी प्रकार की कमी न हो यह सुनिश्चित करने कहा है। उर्वरक के अधिक कीमत पर विक्रय की जानकारी मिलने पर संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश मंत्री श्री चौबे ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीजों का वितरण किया जाना सुनिश्चित करें। खेती-किसानी के सीजन में किसानों को पर्याप्त खाद और बीज उपलब्ध हों।
किसानों को धान के अतिरिक्त अन्य फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने और अलग-अलग फसलों के लिए लक्ष्य का निर्धारण करने के निर्देश कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने दिए। उन्होंने बाड़ी विकास कार्यक्रम को और अधिक व्यापक रूप में क्रियान्वित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सामुदायिक बाड़ियों के विकास के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर इसका क्रियान्वयन करने को कहा। श्री चौबे ने कहा कि नर्सरियों में विभिन्न फलदार पौधे तैयार कर किसानों को उनका वितरण किया जाए। उन्होंने प्रत्येक गौठान में चारागाह विकसित कर हरे चारे का उत्पादन करने के निर्देश दिए। दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हर जिले के लिए लक्ष्य निर्धारित कर देवभोग सहकारी समिति के समन्वय से दुग्ध का विक्रय होने के निर्देश मंत्री चौबे ने दिए।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त एवं विभाग की सचिव डॉ. एम.गीता, विशेष सचिव कृषि डॉ. एस.भारतीदासन, संचालक कृषि यशवंत कुमार, संचालक पशुपालन एवं उद्यानिकी श्री माथेश्वरण व्ही., संचालक मत्स्यपालन व्ही.के.शुक्ला सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं रायपुर संभाग के सभी जिलों के संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।