दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को पूरी तरह से चलन में लाने के लिए सरकार और वाहन निर्माता कंपनियां प्रयास कर रही हैं, और इन्हीं प्रयासो को ध्यान में रखते हुए कहा जा रहा है, कि वैश्विक इलेक्ट्रिक यात्री कारों के बाजार का आकार 2028 तक 1.04 ट्रिलियन डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है, तो साल 2021 से 2028 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार 32.5% की अनुमानित सीएजीआर से बढ़ेगा।

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को बढ़ावा देने के लिए में सरकार योगदान कर रही है, जिसके चलते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की मांग बढ़ने की उम्मीद की जा रही हैं। इतना ही नहीं इलेक्ट्रिक वाहनो की बैटरी के बड़े पैमाने पर उत्पादन होने से पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी की लागत में भी गिरावट आई है। जिसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आई है, क्योंकि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन के सबसे महंगे भागों में से एक है।

10 सालों में आई बैटरी के दाम में गिरावट

जानकारी के लिए बता दें, 2010 में एक इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरी की कीमत 1,000 अमेरिकी डॉलर प्रति kWh से अधिक थी। वहीं 2020 में 135 अमेरिकी डॉलर प्रति kWh की कमी देखी गई है। इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी की लागत में इस गिरावट से निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने की उम्मीद है। हालांकि, 2020 में इलेक्ट्रिक यात्री कारों की कुल बिक्री में 40% से अधिक की वृद्धि हुई है, जो लगभग 3 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई। 2020 में, यूरोप ने इलेक्ट्रिक यात्री कारों की मांग का लगभग 45% हिस्सेदार पर कब्जा कर लिया है। इस शेयर को जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे, नीदरलैंड और स्वीडन जैसे देशों में इलेक्ट्रिक यात्री कारों की बढ़ती मांग के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।