मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में पचावली गांव के पास सिंध नदी में कहीं से चांदी के सिक्के बहकर आ गए। ग्रामीणों में नदी से सिक्के निकालने की होड़ लग गई। करीब 6 घंटे बाद पुलिस को खबर लगी। पुलिस पहुंची तो लोग नदी से निकलकर भाग गए। घटना रविवार की है। तेज बहती नदी में लोगों के इस तरह जान जोखिम में डालने पर पुलिस जवान को तैनात करना पड़ा है। सोमवार को भी ग्रामीण नदी के दूसरे घाटों पर सिक्के तलाश रहे हैं। विक्टोरिया छाप ये सिक्के 280 साल पुराने बताए जा रहे हैं।
पचावली गांव में गोपाल दांगी का सिंध नदी के घाट किनारे पुराना घर है, जिसकी पिछली दीवार बाढ़ में ढह गई। गांव के 4-5 युवक रविवार सुबह करीब 6 बजे घर का सामान उठाने के लिए नदी में उतर गए। नदी में युवकों को चांदी के सिक्के मिले। खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल गई और लोग सिक्के लूटने के लिए नदी में गोते लगाने लगे। रन्नौद थाना पुलिस दोपहर 12 बजे पचावली पहुंची, तब तक लोग भाग गए। कोलारस के एसडीओपी अमरनाथ वर्मा का कहना है कि गांव में नदी किनारे सिक्के मिलने की खबर मिली, जिसके बाद थाना प्राभारी को मौके पर भेजा गया. उन्होंने बताया कि फिलहाल सिक्के मिलने का तोई सबूत तो नहीं मिला है, लेकिन लोगों में सिक्के मिलने की चर्चा जरूर है. एसडीओपी ने कहा कि अगर ऐसा कुछ मिलता है तो प्रशासन कार्रवाई करेगा
सिक्के 18वीं सदी के
ग्रामीणों को जो सिक्के मिले हैं, उनके फोटो सामने आए हैं। चांदी के यह सिक्के 18वीं सदी के हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी के सिक्कों पर सन् 1840 दर्ज है। रानी विक्टोरिया छाप वाले सिक्कों पर 1862 दर्ज है।