जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने समीक्षा बैठक में निर्देश दिए की प्रदेश में झींगा मछली का उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्योजना बनाई जाए और इससे युवाओं को जोड़ा जाए और रोजगार के ने अवसर उपलब्ध कराए जाए।
मंत्रालय में मंत्री सिलावट ने कहा की मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास विभाग का उद्देश्य अधिक से अधिक मछुआ परिवार को आर्थिक उन्नति करना है इसके लिए लगातार नवाचार किया जाय और अच्छे मछली बीज उत्पादन पर विशेष जोर दिया जाए, जिससे मछली की गुणवत्ता में सुधार हो और मछली उत्पादन में मार्केट की मांग और बाजार मूल्य के आधार पर मछली बीज तैयार किया जाए । मत्स्य महासंघ के जालाश्यो में उच्च गुणवत्ता का बीज डाला जाए। मछली के फीडिंग के लिए अवश्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी की जाए।
अपर मुख्य सचिव अश्विनी कुमार ने बताया कि प्रदेश में 4लाख 30 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जलाशय हैं जिनमें मछली उत्पादन का काम किया जा रहा है जिसमें मत्स्य महासंघ के पास 2 लाख 28000 हेक्टेयर से अधिक के जलाशय हैं इसमें उत्पादन बढ़ाए जाने की अधिक संभावना है इसके साथ-साथ मछली की गुणवत्ता के लिए भी अच्छे बीज उत्पादन के प्रयास किए जा रहे हैं। झींगा उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी प्रदेश में नदी बेसिन में लगातार प्रयास जारी हैं और इस वर्ष 50 टन से अधिक उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ,जिसे पूरा किया जाएगा ।
इसके साथ-साथ मछुआरों को विशेष प्रशिक्षण के लिए झींगा उत्पादन केंद्रों पर भेजे जाने की कार्य योजना भी बनाई जा रही है। युवाओं को जोड़ने के लिए रोजगार के नए अवसर बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास लगातार जारी हैं।
मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में मछली उत्पादन महवपूर्ण भूमिका निभा सकता है , इसके लिए युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। नवाचार को अपनाया जाए जिससे उत्पादन को बढ़ाया जा सके। उच्च गुणवत्ता और विशेह नस्ल जैसे बाम, संभाल, कतला और रोहू आदि मछली के उत्पादन पर ध्यान दिया जाए।
मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए विशेष मुहिम शुरू की जाए और सभी पात्र लोगो के कार्ड बनवाए जाए। शासन की योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए और इसके लिए अधिकारी मछुआ कल्याण महासंघ के के लोगो से निरंतर चर्चा करे और विभाग की योजना के संबंध में बताए। तीन वर्षो से क्रियाशील सदस्यो को क्रियाशील किया जाए । केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बजट का पूरा उपयोग किया जाए।