छत्तीसगढ़ की राजनीति में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री कार्यकाल फॉर्मूले की खींचतान के बीच दो सियासी प्रमुखों में अब भक्ति और शक्ति देखने को मिल रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मंगलवार को दिल्ली स्थित अपने घर में पूजा-हवन करके लौटे हैं, वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिनों की आध्यात्मिक यात्रा राजमेरगढ़ और अमरकंटक पर हैं।


आपको बता दें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अमरकंटक स्थित एक आश्रम पर बड़ी आस्था है। ऐसे मौकों पर जब-तब वे वहां जाते रहे हैं।
मरवाही उपचुनाव के दौरान भी मार्च 2020 में मुख्यमंत्री अमरकंटक में पूजा करने पहुंचे थे। उस यात्रा में मुख्यमंत्री ने नर्मदा उद्गम परिसर स्थित 11 शिवलिंगों पर रुद्राभिषेक किया था।

अमरकंटक गए मुख्यमंत्री बघेल

वहीँ आठ महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सूरजपुर स्थित खोपा धाम में 101 बकरे चढ़ाने की बात कहीं थी। मन्नत पूरी होने पर बकरे की बलि देना यहाँ का प्रचलन है। सूरजपुर में खोपा धाम की विशेष मान्यता है | यहां दूर-दूर से लोग मन्नत मांगने आते हैं | मान्यता है कि इस दरबार से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं जाता है | मन्नत पूरी होने पर यहां बकरे और मुर्गे की बलि दी जाती है | खास बात यह है कि खोपा धाम में पूजा पंडित नहीं, बल्कि बैगा जाति के लोग ही करते हैं, क्योंकि मान्यता है कि यहां पूजा की इजाज़त सिर्फ इन्हें ही दी गई थी |

इस प्रकार अब भक्ति और शक्ति की राह पर दो सियासी प्रमुख चल पड़ें है देखना यह है कि कितना प्रभाव अब दोनों कि प्रार्थना और निष्ठा में है।