आजादी का अमृत महोत्सव के 75वें वर्ष में रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से औद्योगिक कौशल में आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करके युवाओं को सशक्त बनाने के लिए, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तत्वावधान में आज रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम श्री अश्विनी वैष्णव, माननीय रेल मंत्री, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी ने रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया । इस अवसर पर श्री सुनीत शर्मा, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड तथा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । देश भर में सभी 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थान भी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े हुए थे । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कुमार एवं इस अवसर पर बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, वैगन रिपेयर शॉप, रायपुर में उपस्थित थे ।

इस योजना का शुभारंभ करते हुए रेलमंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि आज विश्वकर्मा जयन्ती का शुभ दिन है, साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का भी जन्मदिन है । उन्होने इस योजना को रेलवे की ओर से प्रधानमंत्री जी को उपहार तौर पर समर्पित किया । इस योजना के तहत 50000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा । इसका लक्ष्य युवाओं को विभिन्न ट्रेड में गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण देकर रोजगारपरक विकास करना है । प्रशिक्षुओं से संवाद करते हुए मंत्री महोदय ने प्रशिक्षण को पूरे मनोयोग से सीखने की प्रेरणा दी । उन्होने सुदूर क्षेत्रों के प्रशिक्षण केंद्र के जुड़े होने पर प्रसन्नता व्यक्त की । उन्होने कहा कि इस कौशल विकास योजना से समाज के सबसे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के जीवन में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन आएगा तथा इससे अंत्योदय का लक्ष्य पूरा होगा ।

रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत तीन साल की अवधि में 50000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । प्रारंभ में, 1000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । प्रशिक्षण चार ट्रेडों में प्रदान किया जाएगा जिसमें इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर और इसमें 100 घंटे का प्रारंभिक बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा । क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आकलन के आधार पर क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों द्वारा अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जोड़े जाएंगे । प्रशिक्षण नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में अंकों के आधार पर एक पारदर्शी तंत्र का पालन करते हुए ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों में से किया जाएगा । 10वीं पास और 18-35 साल आयु के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे । हालांकि इस प्रशिक्षण के आधार पर योजना में भाग लेने वालों का रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं होगा ।

इस योजना के लिए नोडल पीयू बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा कार्यक्रम पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जो मूल्यांकन को मानकीकृत करेगा और प्रतिभागियों के केंद्रीकृत डेटाबेस को बनाए रखेगा । यह योजना शुरू में 1000 प्रतिभागियों के लिए शुरू की जा रही है और यह अपरेंटिस अधिनियम 1961 के तहत प्रशिक्षुओं को प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण के अतिरिक्त होगी । प्रस्तावित कार्यक्रमों, आवेदन आमंत्रित करने वाली अधिसूचना, चयनित उम्मीदवारों की सूची, चयन के परिणाम, अंतिम मूल्यांकन, अध्ययन सामग्री और अन्य विवरण के बारे में जानकारी के एकल स्रोत के रूप में एक नोडल वेबसाइट विकसित की जा रही है । वर्तमान में, आवेदक प्रारंभिक चरण में स्थानीय रूप से जारी विज्ञापनों के जवाब में आवेदन कर सकते हैं । ऑनलाइन आवेदन जमा करने हेतु जल्द ही एक केंद्रीकृत वेबसाइट पर खोला जाएगा ।

प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और उनके कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान द्वारा आवंटित व्यापार में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा । यह प्रशिक्षुओं को अपनी शिक्षा का उपयोग करने और स्व-रोजगार के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में रोजगार की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे । उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तथा देश भर के युवाओं को शामिल करने के लिए देश भर में फैले 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों को शॉर्टलिस्ट किया गया है ।

इस योजना के अंतर्गत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीन प्रशिक्षण केंद्र को नामित किया गया है । बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, वैगन रिपेयर शॉप रायपुर में फिटर ट्रेड में 20, वेल्डिंग ट्रेड में 20 एवं मशीनिस्ट ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा । बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, मोतीबाग कारखाना, नागपुर में वेल्डिंग ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा, जबकि विद्युत लोको प्रशिक्षण केंद्र, उसलापुर बिलासपुर में इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा । अगले तीन साल में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 2500 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रथम बैच के प्रशिक्षण की शुरुआत 20 सितंबर 2021 से की जा रही है।

रेल कौशल विकास योजना-आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तत्वावधान में आयोजित एक महत्वपूर्ण योजना है । इससे युवाओं में उद्दयम उपयोगी कौशल विकास का उन्नयन होगा, उद्यमिता को बल मिलेगा तथा स्वरोजगार स्थापित करने में भी आसानी होगी ।

रायपुर – आजादी का अमृत महोत्सव के 75वें वर्ष में रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से औद्योगिक कौशल में आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करके युवाओं को सशक्त बनाने के लिए, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तत्वावधान में आज रेल भवन में आयोजित एक कार्यक्रम श्री अश्विनी वैष्णव, माननीय रेल मंत्री, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी ने रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया । इस अवसर पर श्री सुनीत शर्मा, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड तथा रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । देश भर में सभी 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थान भी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े हुए थे । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कुमार एवं इस अवसर पर बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, वैगन रिपेयर शॉप, रायपुर में उपस्थित थे ।

इस योजना का शुभारंभ करते हुए रेलमंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि आज विश्वकर्मा जयन्ती का शुभ दिन है, साथ ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का भी जन्मदिन है । उन्होने इस योजना को रेलवे की ओर से प्रधानमंत्री जी को उपहार तौर पर समर्पित किया । इस योजना के तहत 50000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा । इसका लक्ष्य युवाओं को विभिन्न ट्रेड में गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण देकर रोजगारपरक विकास करना है । प्रशिक्षुओं से संवाद करते हुए मंत्री महोदय ने प्रशिक्षण को पूरे मनोयोग से सीखने की प्रेरणा दी । उन्होने सुदूर क्षेत्रों के प्रशिक्षण केंद्र के जुड़े होने पर प्रसन्नता व्यक्त की । उन्होने कहा कि इस कौशल विकास योजना से समाज के सबसे अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के जीवन में गुणवत्तापूर्ण परिवर्तन आएगा तथा इससे अंत्योदय का लक्ष्य पूरा होगा ।

रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत तीन साल की अवधि में 50000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । प्रारंभ में, 1000 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा । प्रशिक्षण चार ट्रेडों में प्रदान किया जाएगा जिसमें इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट और फिटर और इसमें 100 घंटे का प्रारंभिक बुनियादी प्रशिक्षण शामिल होगा । क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आकलन के आधार पर क्षेत्रीय रेलवे और उत्पादन इकाइयों द्वारा अन्य ट्रेडों में प्रशिक्षण कार्यक्रम भी जोड़े जाएंगे । प्रशिक्षण नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और प्रतिभागियों का चयन मैट्रिक में अंकों के आधार पर एक पारदर्शी तंत्र का पालन करते हुए ऑनलाइन प्राप्त आवेदनों में से किया जाएगा । 10वीं पास और 18-35 साल आयु के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे । हालांकि इस प्रशिक्षण के आधार पर योजना में भाग लेने वालों का रेलवे में रोजगार पाने का कोई दावा नहीं होगा ।

इस योजना के लिए नोडल पीयू बनारस लोकोमोटिव वर्क्स द्वारा कार्यक्रम पाठ्यक्रम विकसित किया गया है, जो मूल्यांकन को मानकीकृत करेगा और प्रतिभागियों के केंद्रीकृत डेटाबेस को बनाए रखेगा । यह योजना शुरू में 1000 प्रतिभागियों के लिए शुरू की जा रही है और यह अपरेंटिस अधिनियम 1961 के तहत प्रशिक्षुओं को प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण के अतिरिक्त होगी । प्रस्तावित कार्यक्रमों, आवेदन आमंत्रित करने वाली अधिसूचना, चयनित उम्मीदवारों की सूची, चयन के परिणाम, अंतिम मूल्यांकन, अध्ययन सामग्री और अन्य विवरण के बारे में जानकारी के एकल स्रोत के रूप में एक नोडल वेबसाइट विकसित की जा रही है । वर्तमान में, आवेदक प्रारंभिक चरण में स्थानीय रूप से जारी विज्ञापनों के जवाब में आवेदन कर सकते हैं । ऑनलाइन आवेदन जमा करने हेतु जल्द ही एक केंद्रीकृत वेबसाइट पर खोला जाएगा ।

प्रशिक्षुओं को एक मानकीकृत मूल्यांकन से गुजरना होगा और उनके कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान द्वारा आवंटित व्यापार में प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा । यह प्रशिक्षुओं को अपनी शिक्षा का उपयोग करने और स्व-रोजगार के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों में रोजगार की क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे । उपरोक्त ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए तथा देश भर के युवाओं को शामिल करने के लिए देश भर में फैले 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों को शॉर्टलिस्ट किया गया है ।

इस योजना के अंतर्गत दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीन प्रशिक्षण केंद्र को नामित किया गया है । बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, वैगन रिपेयर शॉप रायपुर में फिटर ट्रेड में 20, वेल्डिंग ट्रेड में 20 एवं मशीनिस्ट ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा । बेसिक ट्रेनिंग सेंटर, मोतीबाग कारखाना, नागपुर में वेल्डिंग ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा, जबकि विद्युत लोको प्रशिक्षण केंद्र, उसलापुर बिलासपुर में इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में 20 प्रशिक्षुओं को प्रति बैच प्रशिक्षण दिया जायेगा । अगले तीन साल में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 2500 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देने की योजना है। प्रथम बैच के प्रशिक्षण की शुरुआत 20 सितंबर 2021 से की जा रही है।

रेल कौशल विकास योजना-आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तत्वावधान में आयोजित एक महत्वपूर्ण योजना है । इससे युवाओं में उद्दयम उपयोगी कौशल विकास का उन्नयन होगा, उद्यमिता को बल मिलेगा तथा स्वरोजगार स्थापित करने में भी आसानी होगी ।