मुख्यमंत्री ने एक अलग अंदाज में अपनी मौजूदगी का एहसास कराया। जिससे टाइगर अभी जिन्दा है वाला डायलाग फिर से राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को राजधानी के पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंचे थे। यहां फार्मासिस्ट दिवस पर कार्यक्रम का दरअसल, वर्ल्ड फार्मासिस्ट-डे के मौके पर आयोजित सीएम बघेल का अलग ही अंदाज देखने को मिला. क्योंकि एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘कक्का अभी जिंदा है’ सीएम के इस संबोधन पर पूरा हॉल तालियों से गूंज गया. उन्होंने कहा कि वनऔषधि उद्योग के लिए जो सुविधा राज्य सरकार की तरफ से चाहिए, वो दी जाएगी. मैं विश्व भर के दवा निर्माताओं से कहना चाहता हूं, वो छत्तीसगढ़ आएं, उन्हें जो सुविधा चाहिए, मैं दूंगा. क्योंकि ‘कक्का अभी जिंदा है ‘ 

बाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से भी इसको साझा किया। कहा जा रहा है, कांग्रेस की मौजूदा राजनीतिक स्थितियों में यह संवाद समर्थकों को संदेश देने की कोशिश है। अभी एक दिन पहले ही दिल्ली से लौटे स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा था, मामला हाईकमान के पास विचाराधीन है। उस पर फैसला उनका विशेषाधिकार है। प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, पंजाब में भी मुख्यमंत्री अचानक नहीं बदला, उसकी प्रक्रिया पहले से चल रही थी। बड़ा निर्णय था। सिंहदेव ने कहा, इससे साफ हो गया कि हाईकमान जो भी फैसला लेता है, वह कार्यरूप में आता है।

मुख्यमंत्री से पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ”प्रदेश में बड़ी मात्रा में फार्मेसी की डिग्री वाले साथी हैं, वहीं शासन का भी प्रयास रहा कि जानकारों के जरिए ही दवाइयां लोगों तक पहुंचे. दरअसल, इस आयोजन में प्रदेशभर से फार्मासिस्ट यहां पहुंचे थे. सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री के सामने बहुत सी मांगे आती हैं, उन्होंने यथासंभव मांगों को पूरा किया है, अपनी जिम्मेदारी को निभाया है. आज छत्तीसगढ़ का नाम मार्ग प्रशस्त करने वाले राज्य की तरह हो गया है, देशभर में चर्चा होती है कि छत्तीसगढ़ में जो हो रहा है, वही काम किया जाना चाहिए. कोरोना संकट में दवाई विक्रेताओं को तमाम खतरों के बीच काम किया है. डॉक्टर से भी ज्यादा एक्सपोजर फार्मासिस्टों का था. लेकिन उन्होंने अपना काम बेहतर तरीके से किया है.