छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर से प्राकृतिक पेंट भी बनाया जाएगा। इसके लिए गांव के गोठानों में प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रस्ताव पर केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग और जयपुर के कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट तकनीकी हस्तांतरण के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग इन संस्थानों के साथ तकनीकी हस्तांरण संबंधी एक करार पर हस्ताक्षर किया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण कराया गया है। गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण करने के साथ ही महिला समूह गोबर से अन्य उत्पाद तैयार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना की भी शुरूआत हो चुकी है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा। 

अधिकारियों ने ​​​​​बताया, प्रथम चरण में राज्य के 75 गोठानों का चयन प्राकृतिक पेंट का प्लांट लगाने के लिए किया गया है। यहां प्राकृतिक पेंट निर्माण सह कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज निर्माण की इकाई की स्थापना की जाएगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण की तकनीक कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय ने विकसित की है। प्राकृतिक पेंट का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाइल सेल्यूलोज (CMC) होता है। 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा CMC बनता है। प्राकृतिक पेंट की मात्रा में 30 प्रतिशत भाग CMC का होता है। 500 लीटर प्राकृतिक पेंट बनाने हेतु लगभग 30 किलो सूखा CMC की जरूरत होती है। बताया गया, गोठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए स्व-सहायता समूहों की महिलाओं, श्रमिकों और युवाओं को कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट, जयपुर की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जयपुर के इस प्लांट में गोबर से प्राकृतिक पेंट के निर्माण का काम जुलाई 2021 से हो रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने इसका उद्घाटन किया था।