रायपुर 26 नवम्बर 2021 : राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य डॉ अनीता रावटे की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई
शुक्रवार एक प्रकरण में आवेदिका ने मानसिक प्रताड़ना का प्रकरण प्रस्तुत किया था। आवेदिका के द्वारा माह सितंबर में आवेदन प्रस्तुत किया था। थाने में काउंसलिंग हो चुकी थी और उसके बाद आज आयोग की समझाइश में दोनों पक्ष लिखित राजीनामा करके साथ रहने के लिए तैयार है।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों ने अपने दस्तावेज दे दिए है। आयोग द्वारा दो एक्सपर्ट को नियुक्त किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हो गया है अनावेदक ने स्वीकार किया कि अन्य अनावेदिका के साथ अवैध संबंध था। जिस पर अनावेदक ने आवेदिका से माफी मांगा तथा भविष्य में कोई सम्बन्ध नही रखने का वचन दिया। प्रकरण में निगरानी के लिए आयोग की काउंसलर को नियुक्त किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आयोग के समक्ष अनावेदक गणों ने यह कथन किया कि वह आवेदिका के प्रार्थनानुसार आवेदिका को सशर्त रखने को तैयार है,परंतु आवेदिका अपने पति के साथ अलग रहना चाहती है। जिससे प्रकरण उचित प्रतीत नहीं होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया।एक अन्य प्रकरण में आयोग की समझाइश पर अनावेदक आवेदिका एवं पुत्री के साथ दाम्पत्य जीवन निर्वाह करना चाहता है । जिससे सहमत होकर अनावेदक को भविष्य में अच्छे से रहने एवं अपनी तमाम बुरी आदतों पर नियंत्रण रखने की बात कही। आवेदिका को 5 हज़ार रुपये प्रतिमाह देने की बात कही।
एक अन्य प्रकरण पारिवारिक घरेलू विवाद को लेकर है। आवेदिका की वृद्धा अवस्था को देखते हुए अनावेदक गणो की लिखित इकरार नामा की जरूरत है जिसे प्रस्तुत कर प्रकरण में संलग्न किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के साथ उसके गांव के 15 लोग जिसमे सरपंच, पंच, कोतवाल भी आये। अनावेदक 2 साल से आवेदिका का शोषण करता आ रहा है और शादी करने का आश्वासन देकर लगातार शोषण करता रहा है। 28 अक्टूबर 2021 को गांव में सामाजिक बैठक हुई थी उस समय अनावेदक के पिता, मामा ने यह तय किया था कि सामाजिक रीति रिवाज से शादी करेंगे। सामाजिक बैठक में अनावेदक गणो ने धमकी दिया शादी नही करेंगे तो क्या कर लोगे। बाद में शादी करने की बात सहमत हुए तो उस दौरान पंडरिया पुलिस ने अनावेदक के घर से आवेदिका को ले जाकर इसकी वीडियोग्राफी पुलिस वालों ने किया था। अनावेदक, आयोग के समक्ष सभी को झूठा साबित करने में लगा हुआ है। वीडियोग्राफी के बाद अब तक एफआईआर दर्ज क्यो नही हुआ यह जाँच का विषय है। अनावेदक के पिता ने यह स्वीकार किया कि 4 महीने पहले से अनावेदक आवेदिका को जान रहा था। इससे अनावेदक की बात झूठ साबित होती है। इस प्रकरण की जांच के लिए महिला थाना रायपुर को सुपुर्द किया जाना उचित प्रतीत होता है। आवेदिका एवं अनावेदक का डॉक्टरी मुलाहिजा कराकर थाना पंडरिया एवं आयोग को की जा रही जांच से अवगत कराएं जिससे आवेदिका को 2 साल के शारीरिक शोषण के खिलाफ न्याय मिल सके जिससे इस प्रकरण का निराकरण हो सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शिकायत किया है कि उसने अनावेदिका से दूसरा विवाह कर लिया है। अनावेदिका का कथन है कि वह अनावेदक के घर पर खाना बनाने का काम करती है और वह उसके घर काम करना छोड़ देगी अपने मायके में रहेगी और आवेदिका उसके बच्चों एवम अनावेदक के साथ किसी तरह का सम्बंध नही रखेगी। इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में दोनों के मध्य राजीनामा की शर्तें अभिलेख में प्रस्तुत है जिसकी प्रति दोनो को दी गयी है। वर्तमान में आवेदिका बच्चे के साथ किराये के मकान में रहती है। वहाँ पर 6 माह तक अनावेदक आना जाना करेगा प्रकरण को 2 माह की निगरानी में रखा गया।
शुक्रवार जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 17 पक्षकार उपस्थित हुए तथा 2 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।