मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने के लिए एक बार फिर इसकी फाइल उपराज्यपाल को भेजी है। पिछले सप्ताह दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और उपराज्यपाल को बड़ा झटका देते हुए दिल्ली सरकार को दिल्ली में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को सशर्त लागू करने की अनुमति दी है, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इसका प्रस्ताव एलजी के पास भेजा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी से अनुरोध किया है कि हाईकोर्ट ने योजना को लागू करने की अनुमति दे दी है, अब माननीय उप राज्यपाल महोदय भी दिल्ली कैबिनेट के पूर्व के निर्णय को लागू करने की मंजूरी दे दें, जिससे दिल्ली की जनता को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी हो सके।
गत 27 सितंबर को एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2021 को दिए अपने आदेश को संशोधित किया है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने और डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनने वाले लाभार्थियों के अनुपात में एफपीएस को दी जा रही आपूर्ति में कटौती करने की अनुमति दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि डोरस्टेप डिलीवरी मॉडल लाभार्थियों के लिए वैकल्पिक था और वे एफपीएस के जरिए राशन वितरण प्रणाली में वापस जाने का विकल्प चुन सकते हैं।
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली हाईकोर्ट ने राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है। दिल्ली सरकार योजना के प्रचार-प्रसार को लेकर हाईकोर्ट के दिए निर्देशों का पूरी ईमानदारी से पालन करेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि आप (उपराज्यपाल) अपने पहले के निर्णय की समीक्षा करेंगे, ताकि हाईकोर्ट के आदेशों को लागू किया जा सके और दिल्ली के लोगों को राशन की डोर स्टेप डिलीवरी हो सके।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना लागू करने को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में काफी समय से विवाद चल रहा है। केजरीवाल सरकार राशन की डोरस्टेप डिलीवरी योजना को लागू करने पर अड़ी है, जबकि एलजी और केंद्र सरकार इसका विरोध कर रहे हैं। दिल्ली सरकार इस बहुप्रतीक्षित योजना को शुरू ही करने वाली थी कि केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से इसे शुरू होने से एक सप्ताह पहले ही रोक लगवा दी। 27 सितंबर को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस योजना को सशर्त लागू करने की अनुमति दी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत वितरण के लिए केंद्रीय विभाग द्वारा आवंटित किए जा रहे खाद्यान्न का उपयोग एनएफएसए के अलावा किसी अन्य नाम से राज्य-विशिष्ट या अन्य योजना चलाने के लिए नहीं किया जा सकता, इसकी अधिनियम के तहत अनुमति नहीं है। केंद्र सरकार के पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार द्वारा एनएफएसए खाद्यान्न के वितरण के लिए नए नामकरण या योजना के नाम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। यदि एक अलग योजना बनाई जाती है तो विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी।
केंद्र सरकार की आपत्तियों को दिल्ली सरकार ने गंभीरता से लिया और 24 मार्च 2021 दिल्ली कैबिनेट ने योजना से ‘मुख्यमंत्री’ का नाम वापस ले लिया और दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना को मौजूदा एनएफएसए अधिनियम के तहत लागू करने का निर्णय लिया। साथ ही, 20 फरवरी 2021 को की गई अधिसूचना को भी वापस ले लिया गया।