मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत तभी विकसित होगा, जब हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी। भारत तभी विश्व में नंबर वन बनेगा, जब हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसका कोई शॉर्ट कट नहीं है। चाहे चुनाव के दौरान हम बड़ी-बड़़ी बातें कर दें। लेकिन रास्ता बड़ा लंबा और कठिन है, हमें बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। उस मेहनत में सबसे महत्वपूर्ण हर बच्चे को अच्छी शिक्षा देना है। दुनिया में कोई भी ऐसा चिकसित देश नहीं है, जहां पर सारे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिलती है। मुझे खुशी है कि बाबा साहब का सपना पूरा करने का काम दिल्ली में शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार ने पिछले सात साल के अंदर दिल्ली में जो सरकारी स्कूलों और शिक्षा के अंदर काम किए हैं, वो किसी क्रांति से कम नहीं है। इससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति अगर दिल्ली आते हैं, तो उनकी धर्मपत्नी मेलानिया ट्रम्प दिल्ली के सरकारी स्कूल को देखने आती हैं। यह बहुत बड़ी बात है। हमारे सभी शिक्षकों और शिक्षा विभाग, सभी बच्चों और अभिभावकों के लिए गर्व की बात है। यह एक तरह से प्रमाणपत्र है। अगर हम कहें कि हमने शिक्षा व्यवस्था अच्छी कर दी है, तो सारे अपना ढिंढोरा पीटते ही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति तो पूरी दुनिया में घूमते हैं। मुझे नहीं लगता है कि वो किसी देश में जाकर सरकारी स्कूल देखने जाते होंगे। लेकिन भारत में आकर दिल्ली में सरकारी स्कूल देखने आते हैं।
हमने शिक्षकों के सारे मसले हल किए और प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजे, इस साल 12वीं के नतीजे 99.6 फीसद आए हैं- अरविंद केजरीवाल*
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में शिक्षा क्रांति की यह यात्रा 2015 में शुरू हुई। हमारी नई-नई सरकार बनी थी। मैं और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जी बैठकर सोच रहे थे कि क्या करें और कैसे करें। सपना तो था, मंजिल तो थी, लेकिन रास्ता आसान नहीं था। हमने पहला निर्णय यही लिया कि शिक्षा को बजट खूब देते हैं। पहले शिक्षा को 5-10 फीसद बजट दिया जाता था, लेकिन हमने एकदम से शिक्षा का बजट बढ़ाकर 25 फीसद कर दिया और सारे स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने का काम शुरू कर दिया। उससे एक माहौल बनने लगा। सारे शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों को लगने लगा कि यह सरकार स्कूलों पर कुछ तो कर रही है। अगला काम जो मुश्किल था, वह शिक्षकों को पढ़ाने के लिए के लिए कैसे प्रेरित किया जाए। फिर शिक्षकों पर काम शुरू किया गया और उनको प्रशिक्षण देने के लिए बाहर भेजा गया। शिक्षकों से सभी मसलों को ठीक किया गया। जब शिक्षक अमेरिका, कनाडा, अमेरिका, लंदन, सिंगापुर से प्रशिक्षण लेकर वापस लौटे, तो उनका भी हौसला बढ़ा हुआ था। उनको भी लगने लगा कि अब कुछ कर के दिखाना है। धीरे-धीरे नतीजे अच्छे आने लगे। बच्चों के उत्तीर्ण होने के प्रतिशत बढ़ने लगे। इस साल 12वीं कक्षा में 99.6 फीसद नतीजे आए हैं, लोगों को यकीन नहीं होता है। दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों से कहीं ज्यादा अच्छे नतीजे आए। हम सुना करते थे कि 50-70 फीसद सरकारी स्कूलों में नतीजे आते हैं। बच्चे फेल होते हैं।
*अगर शिक्षा पूरी करने के बाद भी बच्चा अपने परिवार को न पाल पाए, तो उस शिक्षा का क्या फायदा- अरविंद केजरीवाल*
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब हम अगले कदम पर जा रहे हैं। बच्चों को अभी जो पढ़ाया जाता था, उसको ठीक किया, लेकिन अब क्या पढ़ाया जाता है, हमारे बच्चे पढ़कर जो निकलते हैं, उनकी क्वालिटी कैसी है। इसमें तीन चीजों पर काम किया जा रहा है। एक, दिल्ली के स्कूलों से जो भी हमारे बच्चे निकलें, वो अच्छे इंसान बनें। उसके लिए हैप्पीनेस क्लासेस शुरू की गई है। उनको थोड़ी सी मेडिटेशन कराया जाता है। उनको थोड़ी सी मोरल स्टोरी सुनाते हैं। उनको अच्छा इंसान बनाने की कोशिश की जा रही है। यह केवल औपचारिकता भर नहीं है। जो बच्चे हैप्पीनेस क्लस ले रहे हैं, उनके अभिभावक आकर बता रहे हैं कि बच्चों के अंदर कितना व्यापक परिवर्तन आ रहा है। घर जाकर वही बच्चे जब अपने माता-पिता से बात करते हैं, जो बच्चे आज तक अपने माता-पिता से लड़ा करते थे, अब वो अपने माता-पिता की इज्जत करने लगे हैं। हमारे बच्चों में बहुत बड़ा परिवर्तन आ रहा है। दूसरा, एंटरप्रिन्योरशिप क्लास शुरू किया। हमारे यहां बच्चे डिग्री पर डिग्री लेते हैं। डिग्रियां लेने पर नौकरी मिलती नहीं है। अगर शिक्षा पूरी करने के बाद भी बच्चा दो रोटी न कमा पाए, अपने परिवार को न पाल पाए, तो शिक्षा का क्या फायदा हुआ। हम 9वीं कक्षा से ही बच्चों को बिजनेस करना सीखा रहे हैं। बच्चे अब 24 घंटे यह सोचते हैं कि मैं क्या बिजनेस करूंगा, कैसे बिजनेस करूंगा। अब हमारे बच्चे कहते हैं कि मुझे नौकरी लेने वाला नहीं, नौकरी देना वाला बनना है। यह सोच में जो बदलाव आया है, यह बहुत बड़ी बात है। तीसरा, जो बच्चा हमारे स्कूलों से निकले, वो कट्टर देशभक्त होना चाहिए। अपने देश के लिए मर-मिटने को तैयार होना चाहिए। इसके लिए हम लोगों ने अपने स्कूलों में देशभक्ति क्लास शुरू की है।
अब हमारे दिल्ली के बच्चे इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड की शिक्षा प्राप्त करेंगे- अरविंद केजरीवाल*
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक और बड़ी बात हुई है। हमने दिल्ली में अपना स्कूल एजुकेशन का बोर्ड शुरू किया है। उसका गठजोड़ अंतर्राष्ट्रीय एजुकेशन बोर्ड से किया है, जो पूरी दुनिया का एजुकेशन बोर्ड है। इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड एक ऐसा बोर्ड है, जिससे पढ़ने के लिए अमीरों के बच्चे तरसते हैं। अब दिल्ली के बच्चे इंटरनेशनल एजुकेशन बोर्ड की शिक्षा प्राप्त किया करेंगे। यह बहुत बड़ी बात हुई है। हम टीचर यूनिवर्सिटी बना रहे हैं। दिल्ली अब पूरे देश के लिए शानदार शिक्षक तैयार करेगी। मैं सोच रहा था कि आज बाबा साहब की आत्मा जहां कहीं पर भी होगी और उपर से देख रही होगी, तो हमें जरूर खूब आशीर्वाद दे रही होगी। मैं सोच रहा था कि अगर आज बाबा साहब जिंदा होते, तो हमें खूब आशीर्वाद देते। हमें गले से लगा लेते।
भगत सिंह मात्र 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे- अरविंद केजरीवाल*
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे दूसरे आदर्श शहीद-ए-आजम भगत सिंह हैं। 23 साल की उम्र में एक युवा अपनी जिंदगी के सपने देखता है। आने वाले भविष्य और कैरियर के बारे में सोचता है। लेकिन भगत सिंह ने अपने बारे में नहीं सोचा और 23 साल की उम्र में हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए। आज किसी भी युवा से बात कर लो, रोंगटे खड़े हो जाते हैं, जैसे ही हम भगत सिंह के बारे में सोचते हैं। बाबा साहब और भगत सिंह के रास्ते अलग थे, लेकिन इनके सपने एक ही थे। दोनों ने एक विकसित भारत का सपना देखा था। जहां सबको बराबरी का अधिकार होगा। दोनों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां भेदभाव नहीं होगा। दोनों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां आप की सफलता आपकी जाति पर आधारित नहीं होगी। दोनों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां एक गरीब आदमी को यह नहीं सोचना पड़ेगा कि मैं एक बच्चे को स्कूल भेज दूं और दूसरे को कमाने भेज दूं। दोनों एक ऐसे भारत का सपना देखा था, जहां हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिलेगी। दोनों ने एक सपना क्रांति का देखा था। आज वही क्रांति हम लोगों का भी सपना है। मुझे खुशी है कि चाहे आजादी के 75 साल बाद ही सही, लेकिन दिल्ली के अंदर इन लोगों का सपना अब धीरे-धीरे पूरा होने लगा है। अब जब दिल्ली के स्कूल खुलते हैं, तो उनकी यह क्रांति दिल्ली के हर स्कूल के अंदर जीवंत हो जाती है। आज दिल्ली के हर बच्चे की आंखों के अंदर वह क्रांति नजर आती है।
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर मैं यह ऐलान करता हूं कि दिल्ली सरकार के हर दफ्तर के अंदर, बाबा साहब अंबेडकर और शहीद-ए-आजम की तश्वीरें लगाई जाएंगी। अब हम नेताओं की तश्वीरें नहीं लगाएंगे। अब मुख्यमंत्री की तश्वीर नहीं लगानी है। अब हमें इन दो महानुभावों बाबा साहब डॉ. अंबेडकर और भगत सिंह की तश्वीरें लगानी हैं। इन दोनों के वसूलों के उपर हमारी दिल्ली सरकार चलेगी और ये दोनों हम लोगों को हर कदम पर प्रेरणा देते रहेंगे।