जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाएं अपने रूचि और बाजार के मांग के अनुसार सामग्री बनाने और बिक्रय करने में रूचि दिखा रही है। साथ ही महिलाएं आजीविका से जुड़ के अपनी जिन्दगी सवार रही हैं। कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि महिलाएं कुशल होकर अपने हुनर को और निखार सके। 
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी ने बताया कि कुनकुरी विकासखण्ड के मदर मेरी समूह की महिला श्रीमती अमिया कुजूर के साथ अन्य महिलाएं भी जुड़कर जौफूल और जीराफूल चावल के पैंकिंग का कार्य बेहतर तरीके से कर रही हैं। पैंकिंग का कार्य 02 अन्य समूह भी मिल के करती हैं। प्रत्येक समूह साल में लगभग 62 हजार रूपए तक का लाभ प्राप्त हो रहा है। 
महिलाओं ने बताया कि जिले में सुगंधित चावल जौफूल और जीराफूल की अच्छी पैदावार होती है और बाजारों में भी इसकी अधिक मांग रही है। लोगों को भी भोजन में यह चावल काफी भाता है। बाजार में मांग को देखते हुए समूह की महिलाओं ने चावल की अच्छे से पैंकिंग करने के लिए प्रशिक्षण भी लिया है। लोगों के मांग के कारण उनको अच्छा मुनाफा मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिवस रायपुर के सांइस कॉलेज में 03 से 05 फरवरी तक प्रदर्शनी लगाई गई थी। वहॉ पर जशपुर जिले की मदर मेरी समूह की महिलाओं ने जौफूल और जीराफूल चावल का प्रदर्शनी लगाया था।