मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत किया गया। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह के वर्ष में प्रस्तुत यह बजट मुख्य रूप से ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था आधारित ’’छत्तीसगढ़ मॉडल’’ में समाहित उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में मजबूत कदम है। बीते तीन वर्षों के दौरान सरकार द्वारा आजादी के मूल्यों एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये गये हैं। यह बजट महात्मा गांधी के समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के मूल मंत्र को साकार करने का सुदृढ़ प्रयास है।

अध्यक्ष महोदय,
मेरा सौभाग्य है कि भारत की आजादी की 75 वीं सालगिरह के वर्ष में मैं अपनी सरकार का यह बजट प्रस्तुत कर रहा हँू। मुझे संतोष है कि बीते तीन वर्षाें के दौरान हमारी सरकार ने आजादी के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये हैं। बापू की स्मृतियांे को संजोने एवं उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिये नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जायेगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस पर व्यय हेतु नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।
2.    हमने अपनी विरासत और विकास योजनाओं को लेकर जो कहा था, उसे करके भी दिखाया है। जिसके कारण ग्रामीण तथा वनांचलों में रोजगार के नये अवसर बने हैं तथा हमें ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है। विकास के इस ‘‘छत्तीसगढ़ मॉडल’’ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।
3.    हमारी सरकार द्वारा पहले वर्ष में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का 8 हजार 744 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ किया गया। किसानों से धान की खरीदी 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर की गयी। खरीफ 2018 के धान हेतु 15 लाख 77 हजार किसानों को 6 हजार 22 करोड़ रूपये की बोनस.राशि का तत्काल भुगतान किया गया।
4.    बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। हमारे इस कदम से वहाँ के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिये जा सकेंगे। नये उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये भी सरलता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी।
    बजट राज्य के किसानों, भूमिहीन कृषि मजदूरों व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो की समृद्धि, गांवों की आर्थिक प्रगति, शिक्षा में गुणवत्ता एवं प्रगति के नवीन आयाम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण, महिलाओं एवं बच्चों के सर्वागींण विकास, युवाओं को रोजगार एवं उद्यमिता के नवीन अवसरों के सृजन, शासकीय सेवकों के भविष्य को सुरक्षित करने, ग्रामीण एवं शहरी अधोसंरचना को तेजी से विकसित करने तथा जनता के लिए संवेदनशील प्रशासन की भावना के साथ प्रदेश के लोगों को समर्पित है।

1.    आर्थिक स्थिति
1.1    स्थिर दर पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष 2021-22 के राज्य के सकल घरेलू उत्पाद मंें 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में यह अधिक है।
1.2    वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत वृद्धि, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत वृद्धि और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित। कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है।
1.3    प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है।
1.4    वर्ष 2020-21 में प्रति व्यक्ति आय 1,05,778 की तुलना में वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 1,18,401 रूपये, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.90 प्रतिशत अधिक है।
बजट के मुख्य आकर्षण
2.    बस्तर संभाग में गैर-वन मद अंतर्गत वर्गीकृत नारंगी क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि संयुक्त सर्वेक्षण उपरांत राजस्व मद में वापसी। नये उद्योगों की स्थापना, शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये सरलता से भूमि की उपलब्धता।
3.    राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि को आगामी वर्ष से बढ़ाकर 7 हजार प्रतिवर्ष।
4.    अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि, जिनमें हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल हैं, को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ।
5.    गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित कर स्थानीय खाद्य उत्पाद एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना। बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग।
6.    औद्योगिक पार्काें में तैयार उत्पादों का चयन हितधारकों के कौशल, उपलब्ध कच्चा माल, उपभोक्ताओं में मांग तथा परिवहन एवं आवागमन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा। औद्योगिक पार्कों में उन्नत अधोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने 600 करोड़ का प्रावधान।
7.    गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा विभिन्न स्थानीय उत्पादों की ब्रान्डिंग और विपणन छत्तीसगढ़ हर्बल्स के नाम से।
8.    नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए नये रोजगार सृजन की संभावनाओं पर कार्य हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन के लिए 2 करोड़ का प्रावधान।
9.    छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों की परीक्षा फीस माफ़ की जाएगी।
10.    राज्य के शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग का सम्मान करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल।
कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था
11.     खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान  उपार्जित।  
12.    धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना में 20 लाख से अधिक किसानों को गत 2 वर्षाें में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता। योजना में 6 हजार करोड़ का प्रावधान।
13.    गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान।
14.    बस्तर एवं सरगुजा संभाग के चयनित 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा कृषि उत्पाद के मूल्य संवर्धन से अतिरिक्त आय सृजन हेतु चिराग परियोजना हेतु 200 करोड़ का प्रावधान।
15.    किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का प्रावधान।
16.    फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान।।
17.    कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के समुचित भंडारण हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना के लिये 24 करोड़ का प्रावधान।
18.    खाद्य पदार्थाें में कीटनाशक अवशेषों की जाँच हेतु एन.ए.बी.एल. से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना के लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
19.    गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान।
20.    ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन एवं विपणन हेतु महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के अंतर्गत कुल 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल, 40 आटा मिल, 680 मिनी राइस मिल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना।
सिंचाई सुविधाओं का विकास
21.    गत 3 वर्ष में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हेक्टेयर से बढ़कर 13 लाख 58 हेक्टेयर।
22.    कुल 3 हजार 323 करोड़ के बजट प्रावधान में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान। इससे 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 वृहद् कार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल।
23.    केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना के लिए 14 करोड़ का प्रावधान।
24.    नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यो हेतु 125 करोड़ का प्रावधान।
25.    बजट में 10 वृहद्, 15 मध्यम तथा 3 लघु सिंचाई योजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान। 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं का सर्वेक्षण शामिल।
26.    वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान।
27.    पांच एच.पी. कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान। योजना से 4 लाख 80 हजार कृषकों को कृषि पम्पों के संचालन हेतु रियायती दर पर बिजली की सुविधा।
28.    सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एच.पी. क्षमता के 15,000 सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना हेतु 416 करोड़ 90 लाख का प्रावधान।
29.    प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान।

ग्रामीण विकास गतिविधियां
30.    राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास। उत्थान परियोजना अंतर्गत 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की चिन्हांकित 172 महिलाओं को सी.आर.पी के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा।
31.    मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ। ग्रामीण आजीविका मिशन के लिये 450 करोड़ प्रावधान।
32.    प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना के लिये 800 करोड़ का प्रावधान।
33.    स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण। योजना के लिये 500 करोड़ का प्रावधान।
34.    प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान।
35.    मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़, ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 260 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान।
रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियां
36.    बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत।
37.    रैली ककून क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण, प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता।
38.    पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना हेतु       4 करोड़ 53 लाख का प्रावधान। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय होगी।
39.    कुम्भकार परिवारों की कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये विद्युत चाक का वितरण हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।
पेयजल सुविधाएँ
40.    48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान।
41.    नगरीय निकायों में जल प्रदाय हेतु 30 करोड़ अनुदान तथा 55 करोड़ ऋण का प्रावधान।
42.    गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान।
43.    नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने (अनुमानित लागत 106 करोड़) हेतु 2 करोड़ का प्रावधान।

शैक्षणिक सुविधाएँ
44.    171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। आगामी वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय।
45.    11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन।
46.    भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।
47.    रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का प्रावधान।
48.    अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के छात्रावास-आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण के लिए 50 करोड़ का प्रावधान।
49.    बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना।
50.    16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोले जायेंगे।
51.    भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षांे का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण।
52.    शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान।
53.    28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के लिए नवीन ट्रेड प्रारंभ करने हेतु सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान।
महिला एवं बाल विकास
54.    एकीकृत बाल विकास सेवा, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, नवा जतन एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान से तीन वर्षाें में कुपोषण में 8ण्7 प्रतिशत की कमी।
55.    राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है।
56.    वर्ष 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ। अब तक 1 लाख 72 हजार बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर।
57.    छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को वितरित पुराना बकाया 12 करोड़ 77 लाख का ऋण माफ। प्रथम ऋण को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर दोबारा 2 लाख से 4 लाख तक का ऋण दिये जाने की सुविधा।
58.    छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान।

स्वास्थ्य सुविधाएँ
59.    गत 2 वर्षाें के दौरान 1 हजार 329 चिकित्सा अधिकारी, 282 बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं 328 बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 278 लैब टेक्नीशियन तथा 192 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति।
60.    नेशनल क्वालिटी एश्योरेंश कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल, 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदाय।
61.    जगरगंुडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों का सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु प्रावधान।
62.    चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर एवं कांकेर में चिकित्सकीय उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु प्रावधान।
63.    चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माण हेतु तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी आवास सुविधा हेतु 10 करोड़ 50 लाख का प्रावधान।
64.    प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन हेतु 126 करोड़ एवं पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
वानिकी गतिविधियां
65.    कैम्पा मद की वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिये 300 करोड़ का प्रस्ताव।
66.    छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय, जबकि 2020-21 में 153 करोड़ का क्रय। भारत सरकार द्वारा लघु वनोपज संग्रहण हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार, प्रसंस्करण हेतु वन धन योजना अंतर्गत 4 पुरस्कार तथा नवोत्पाद एवं नवाचार हेतु 3 पुरस्कार राज्य को प्रदाय।
67.    छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रूपये एवं रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय। फसलों के उत्पादक किसानों को 9 हजार के स्थान पर 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि प्रदाय।
68.    30 संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से विविध उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड के नाम से विक्रय।
69.    स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय हेतु प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना के लिये 5 करोड़ का प्रावधान।
नगरीय सुविधाएँ
70.    उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाईयां एवं सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिये 136 धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना। अब तक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रूपये की छूट से 5 लाख 92 हजार नागरिक लाभान्वित।
71.    मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन। इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों में लागू करने के लिये 50 करोड़ का प्रावधान।
72.    शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं में 450 करोड़ प्रावधान।
73.    नगरीय निकायों की सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाईडलाईन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करते हुए गणना की जायेगी।
74.    मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल तथा समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के लिये 200 करोड़ एवं नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान।
75.    कोरबा, दन्तेवाड़ा, सक्ती, शिवरीनारायण एवं चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना हेतु 20 करोड़ का प्रावधान ।

खेल एवं युवा कल्याण गतिविधियां
76.    युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने हेतु राजीव युवा मितान क्लब का गठन। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 एवं नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन हेतु 75 करोड़ का प्रावधान।