हरदा जिला : रोक के बावजूद रेत खदानों में नहीं किया जा रहा है नियमों का पालन, उत्खनन चालू जिला हरदा में रेत की कमी नहीं हो साथ ही अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार ने रेत खदानों की स्वीकृत पश्चात जिले में आने वाली रेत खदानों छिपानेर एवं अन्य खदानें शामिल है I मगर संचालित की जा रही रेत खदानों में नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है नर्मदा नदी संरक्षण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है रेत खदानों में ठेकेदार कंपनी उज्जवल चौहान के द्वारा पोकलेन मशीन एवं जेसीबी नाब मशीन पनडु्बी मशीन से रेत का अवैध उत्खनन कर नर्मदा नदी के प्राकृतिक स्वरूप से खिलवाड़ किया जा रहा है राष्ट्रीय हरित न्यायालय एनजीटी के आदेश की अवहेलना की जा रही है साथ ही जिले का खनिज विभाग कार्यवाही में उदासीन बना हुआ है Iज्ञात रहे कि नई सरकार के गठन बाद ग्राम पंचायतों से खदान संचालन जारी करने की शक्ति वापस लिए जाने के बाद मध्य प्रदेश गौण खनिज नाम के अंतर्गत ऑनलाइन निविदा के माध्यम से खदानें आवंटित की गई प्रदेश सरकार एक और रेत खदानों में अवैध खनन रोकने के लिए नियम अनुसार नीलामी के माध्यम से रेत खदान का आवंटन कर रही है दूसरी ओर हरदा जिले में रेत ठेकेदार उज्जवल चौहान नर्मदा नदी में अवैध रेत माफिया मशीनों से दिन रात रेत का खनन कार्य कराया जा रहा है खनिज विभाग के अधिकारी जिले में मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए मामला संज्ञान में आते ही कार्यवाही की बात कर रहे हैं जबकि बिना अधिकारियों की मिलीभगत के विभाग की मदद के बिना खनन नहीं हो सकता है I वैध खनन की आड़ में स्वीकृत गहराइयों से अधिक गहराइयों तक पहुंचकर रेत खनन किया जा रहा है I समय रहते रेत ठेकेदार उज्जवल चौहान की आ रही शिकायतों को नहीं रोका गया तो नर्मदा नदी का प्राकृतिक स्वरूप तो बिगड़ना है जलीय जीव जन्तु का भी नुकसान जैव विविधता को प्रभावित करेगा I मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध होने के बावजूद नर्मदा नदी से आए दिन अवैध रेत उत्खनन जारी हैI एनजीटी के नियमों की अवहेलना भी चिंतनीय है I ठेकेदार द्वारा पोकलेन मशीन से रेत उत्खनन किया जा रहा है I प्रदेश सरकार नदियां एवं जल स्त्रोत पर्यावरण बचाओ को लेकर वृक्षारोपण आदि कर रही है I