दिल्ली के महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री कैलाश गहलोत ने कार्यभार संभालने के बाद आज हुमायूंपुर और निजामुद्दीन में दो आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा किया। इस दौरान मंत्री कैलाश गहलोत ने अपील करते हुए कहा कि सभी आंगवाड़ी कर्मी काम पर लौट आएं। बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। दौरे के दौरान डब्ल्यूसीडी के निदेशक रश्मि सिंह, डब्ल्यूसीडी के संयुक्त निदेशक नंदिनी महाराज, हुमायूंपुर की सीडीपीओ नीरू गहलोत और निजामुद्दीन की सीडीपीओ मंजुला कथूरिया भी मौजूद रहीं।
उल्लेखनीय है कि 09 मार्च को महिला एवं बाल विकास विभाग की ज़िम्मेदारी कैलाश गहलोत को सौंपी गयी थी। विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद मंत्री कैलाश गहलोत ने महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। दिल्ली में 10,897 आंगनवाड़ी केंद्र है, जो 95 स्वीकृत परियोजनाओं में विभाजित है और इसमें कुल 10,653 आंगनवाड़ी कर्मी और 10,890 आंगनवाड़ी सहायिकाएं कार्यरत हैं। आंगनवाड़ियों के इस नेटवर्क के माध्यम से प्रदान की गई पोषण योजनाओं से जनवरी महीने में 8.98 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए, जिसमें 0-3 वर्ष, 3-6 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएँ शामिल हैं।
हुमायूंपुर और निजामुद्दीन आंगनवाड़ी केंद्र पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। निजामुद्दीन और हुमायूंपुर आंगनवाड़ी केंद्रों के दौरे के दौरान मंत्री कैलाश गहलोत ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से उनकी शिकायतों और मांगों के संबंध में बात की। मंत्री कैलाश गहलोत ने वहां मौजूद बच्चों और अभिभावकों से भी बातचीत की और केंद्रों की स्थिति, बच्चों की देखभाल की गुणवत्ता और निरीक्षण किए गए केंद्रों पर दी जाने वाली शिक्षा के बारे में जानकारी ली।
मंत्री कैलाश गहलोत ने दौरे के उपरांत निदेशक, संयुक्त निदेशकों, उप निदेशकों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों और कल्याण अधिकारियों सहित डब्ल्यूसीडी के सभी अधिकारियों के साथ बैठक की और इन योजनाओं की संरचना, विभिन्न योजनाओं की स्थिति और निगरानी तंत्र पर चर्चा की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से विभाग के अंदर कुशल कामकाज, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी केंद्रों का नियमित दौरा करने का भी आग्रह किया।
मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने सभी केंद्रों में सुचारू रूप से कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखने का वादा किया है। मैंने उन्हें यह आश्वासन दिया है कि दिल्ली सरकार उनकी मांगों और शिकायतों को हल करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। मैं उन सभी आंगनवाड़ी कर्मियों से अपील करता हूं जो अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं, वे काम पर लौट जाएं। दिल्ली के बच्चों के सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।”