रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मतिथि खोज रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए प्राचीन धार्मिक विद्वानों और पुरोहितों से मदद मांगी है। बताया जा रहा है, एक जन्मतिथि तय होने के बाद सरकार आधिकारिक तौर पर उस दिन राजकीय आयोजन करेगी। मान्यता है कि कौशल्या दक्षिण कौशल की राजकुमारी थीं। यह वही अंचल है जिसे अब छत्तीसगढ़ कहा जाता है।
रामायण और पुराणों के मुताबिक कौशल्या तत्कालीन कौशल देश के राजा भानुमंत की पुत्री थीं। कौशल देश की पहचान छत्तीसगढ़ के रूप में सिद्ध हो चुकी है। बताया जाता है कि रायपुर से 25 किमी दूर चंद्रखुरी में ही कौशल्या का जन्म हुआ था। वहां उनका एक मंदिर है, जिसमें भगवान राम को गोद में लिए हुए कौशल्या की प्रतिमा है। पिछले साल ही राज्य सरकार ने राम वनगमन पथ पर्यटन सर्किट योजना के तहत इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है।
बलाैदाबाजार के विप्र वाटिका में आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेष रूप से माता कौशल्या और भगवान राम के साथ संबंधों की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इतिहासकारों, विशेषज्ञों और धर्मगुरुओं से माता कौशल्या की जन्मतिथि का पता लगाने के लिए अनुसंधान का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, इस काम में सरकार भी उनकी यथासंभव मदद करेगी। रायपुर के प्रसिद्ध दूधाधारी मठ ने 2019 में इसकी कवायद शुरू की थी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार के विप्र वाटिका में आयोजित सर्व ब्राम्हण समाज के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए बलौदाबाजार पॉलीटेक्निक कॉलेज का नामकरण पूर्व सांसद स्वर्गीय करुणा शुक्ला के नाम पर करने और ब्राम्हण समाज के लिए श्रीमती करूणा शुक्ला के नाम पर भवन निर्माण कराने की घोषणा की।