छत्तीसगढ़ के राज्य कर्मचारियों की यह हड़ताल भत्ता बढ़ाने की मांग के लिए है। विभिन्न कर्मचारी संगठनाें के आह्वान पर कई कर्मचारी 22 अगस्त से हड़ताल पर हैं। कर्मचारी संगठन कई महीनों से केंद्र सरकार की तरह 34% महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग थी, इस दर तक पहुंचने के लिए उनका भत्ता 12% बढ़ाया जाना चाहिए। वहीं सातवें वेतनमान की सिफारिशों के मुताबिक मूल वेतन का 18% गृह भाड़ा भत्ता की मांग भी साथ-साथ उठी है। जुलाई में पांच दिनों की हड़ताल के बाद सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% इजाफे का आदेश जारी कर दिया। वहीं गृह भाड़ा भत्ता के लिए आश्वासन हाथ आया। उसके बाद 22 अगस्त से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
कुछ दिन पहले मुख्य सचिव के साथ बातचीत के बीच हड़ताली कर्मचारियों पर सख्ती भी शुरू हो गई है। सरकार ने हड़ताल में शामिल नहीं हुए कर्मचारियों को पिछली हड़ताल के दिनों का वेतन जारी करने का निर्देश दिया है। वहीं हड़ताल में शामिल कर्मचारियों पर साल 2006 में जारी एक शासकीय परिपत्र-G.O. के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा गया है।
जो कर्मचारी पिछली 25 जुलाई से 29 जुलाई तक की अवधि में हड़ताल पर थे और जिन्होंने वर्तमान हड़ताल में हिस्सा नहीं लिया है, उनके पूर्व हड़ताल अवधि को अवकास स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए।
वही आज मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि जो कर्मचारी हड़ताल से वापस आना चाहते है उनकी अवकाश स्वीकृत कि जाएगी साथ ही उनको सुरक्षा भी प्रदान की जाएगी। जो हड़ताल से वापस आना चाहते है उनको २ सितम्बर तक विभाग / कार्यालय ज्वाइन करना होगा