नई दिल्‍ली: बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया है. 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे. दोपहर 12:07 बजे उन्होंने 67 की उम्र में अंतिम सांस ली. देश में जीएसटी के रूप में ‘एक देश, एक कर’ देने में उनकी भूमिका महत्‍वपूर्ण थी. अरुण जेटली अटल बिहारी वाजेपयी की सरकार में भी मंत्री रहे. पेशे से सफल वकील अरुण जेटली ने राजनीतिक जीवन में भी खूब नाम कमाया.

1. अरुण जेटली का जन्‍म 28 दिसंबर, 1952 को दिल्‍ली में हुआ था. उनके पिता पेशे से वकील थे.
2. अरुण जेटली ने नई दिल्ली के सेंट जेवियर्स स्कूल से 1957-69 तक पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम किया. उन्‍होंने दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से 1977 में लॉ की पढ़ाई पूरी की.
3. अरुण जेटली लॉ की पढ़ाई के दौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र नेता भी थे. डीयू में पढ़ाई के दौरान ही वह 1974 में डीयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष बने.
4. 1975 में देश में लगे आपातकाल का विरोध करने के पर उन्‍हें 19 महीनों तक नजरबंद रखा गया था. 1973 में वह जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्‍टाचार विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. नजरबंदी खत्‍म होने के बाद उन्‍होंने जन संघ पार्टी ज्‍वाइन की.
5. 1977 में उन्‍हें दिल्‍ली एबीवीपी का अध्‍यख और ऑल इंडिया सेक्रेटरी बनाया गया. उन्‍हें 1980 में बीजेपी युवा मोर्चा का अध्‍यक्ष और दिल्‍ली ईकाई का सेक्रेटरी बनाया गया था.
6. अरुण जेटली ने 1987 में वकालत शुरू की. उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर विभिन्‍न हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की. 1990 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उन्‍हें वरिष्‍ठ वकील घोषित किया. 1989 में जेटली वीपी सिंह की सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल नियुक्‍त किए गए. उन्‍होंने बोफोर्स घोटाले की जांच की दस्‍तावेजी प्रक्रिया पूरी की थी.

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