रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए चावल घोटाला मामले की जांच के लिए प्रदेश के 16 जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी किए हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने मंत्रालय से यह आदेश जारी किया है। प्रदेश के 16 जिले जिनमें रायगढ़, बलौदाबाजार, मुंगेली, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जशपुर, कवर्धा, कोण्डागांव, कोरिया, बालोद, बिलासपुर, महासमुंद, रायपुर एवं कोरबा के कलेक्टरों को आदेश जारी किया गया है कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में अरबों का चावल (राशन) का घोटाला किया गया है, जिसकी उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच करें। आदेश में कहा गया है कि परमानंद जांगड़े पूर्व जिला पंचायत सदस्य रायपुर द्वारा 19 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को शिकायत पत्र लिखा गया है, जिसमें उन्होंने पूर्व भाजपा शासनकाल में खाद्य, नागरिक एवं आपूर्ति विभाग के अंतर्गत प्रदेश स्तर पर चावल का महाघोटाला की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की है। आदेश में कलेक्टरों से जांच रिपोर्ट 20 सितंबर तक विभाग ने मांगी है। राशन दुकानों में शार्ट सप्लाई कर गड़बड़ी पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्री जांगड़े ने 100 से अधिक राशन दुकानों में चावल के स्टॉक में अफरातफरी की शिकायत की है। इसके तहत करीब 11 करोड़ के चावल की गड़बड़ी करने का आरोप है। मामले में कहा गया है कि पूर्व में आवंटित चावल की मात्रा और इसके स्टॉक का मिलान किए जाने पर पूरा मामला सामने आ सकता हैं। कलेक्टरों को इस मामले में पूर्व के स्टॉक आर वितरण की पूरी जानकारी लेने कहा गया है। बताया जाता है कि नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा दुकानों में शार्ट सप्लाई की गई थी। सप्लाई के बाद शेष चावल की अफरातफरी करने का अंदेशा है।