देश के प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान का यह पहला लोकसभा चुनाव है जिसमे नए मुख्यमंत्री चेहरों को राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा की सीटें अधिकतम दिलाने में भूमिका होंगी । इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को उन्हें राष्ट्रीय पहचान बनाने का अवसर दिया है। ऐसे में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय, राजस्थान के भजनलाल शर्मा, ने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए पूरा जोर लगा दिया है।
भाजपा का आदिवासी चेहरा बने विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नक्सलवाद और मतांतरण के विरुद्ध ठोस कार्रवाई के कारण पांच महीने में ही चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। आदिवासी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के बाद भाजपा ने प्रदेश के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें प्रस्तुत किया है। प्रदेश की सभी 11 सीटों के साथ ही मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना में भी उन्होंने एक-एक दिन में तीन से चार सभाएं की। साय ने यह स्थापित करने का प्रयास किया कि आदिवासी भी सनातन का अंग हैं। विष्णु देव साय ने लगातार पूरे छत्तीसगढ़ में प्रचार प्रसार एक नयी टीम को विकसित कर काम हो रहा साय साय प्रदेश का विकास तुरंत वाली रणनीति को खूब प्रचारित किया।
डॉ. मोहन यादव की राष्ट्रीय स्तर पर बनी पहचान
यह चुनाव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए प्रतिष्ठा के प्रश्न के साथ नई पहचान बनाने का माध्यम भी बना। मध्य प्रदेश में तो उन्होंने सभी 29 लोकसभा सीटों पर सभा और रोड शो किए ही, अन्य राज्यों में भी प्रचार करने के लिए उनकी काफी मांग रही।
मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाते समय ही पार्टी ने संकेत दिए थे कि उनका उपयोग अन्य राज्यों में भी किया जाएगा। उन्होंने आठ राज्यों की 26 सीटों पर प्रचार किया। मध्य प्रदेश में 142 जनसभा, 55 रथ सभा, 56 रोड शो किए।