रायपुर 31 जुलाई/ छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले “झन कर इनकार, हमर सुनव सरकार” आंदोलन का पूर्ण समर्थन करने का निर्णय लिया है।छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमल वर्मा एवं प्रवक्ता श्री बालमुकुंद तंबोली ने बताया कि 6 अगस्त 2024 को इंद्रावती भवन (संचालनालय) से महानदी भवन (मंत्रालय) तक दोपहर 2 बजे से आयोजित मशाल रैली में संचालनालय में पदस्थ सभी राजपत्रित अधिकारी शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री कमल वर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा शासकीय अधिकारियों के मौलिक अधिकार महंगाई भत्ते से वंचित रखने के कारण अधिकारियों को आर्थिक रूप से काफी क्षति हो रही है।

प्रदेश के विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समस्त अधिकारीगण दिन-रात परिश्रम करते है लेकिन सरकार द्वारा उन्हें केंद्र सरकार के समान डीए प्रदान नही किए जाने से अधिकारीगण हतोत्साहित हो रहे है। शासन के इस उपेक्षापूर्ण रवैए से राजपत्रित अधिकारियों में काफी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने की कई बार कोशिश की गई है, लेकिन 6 महीने गुजर जाने के बाद भी सरकार की तरफ से अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की गई है, ऐसे में अब सिवाय आंदोलन के कर्मचारी संगठनों के पास कोई अन्य रास्ता नहीं बचता है। अतः प्रदेश के समस्त राजपत्रित अधिकारी फेडरेशन के चार स्तरीय आंदोलन का समर्थन करेंगे।

छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रवक्ता श्री बालमुकुंद तंबोली ने बताया कि प्रथम चरण में 6 अगस्त को इंद्रावती भवन से महानदी भवन तक मशाल रैली प्रदर्शन, द्वितीय चरण में 20 से 30 अगस्त तक सांसदों एवं विधायकों को ज्ञापन, तृतीय चरण में 11 सितंबर को जिला/ब्लॉक/तहसीलों में मशाल रैली का आयोजन एवं चौथे चरण में 27 सितंबर को सामूहिक अवकाश लेकर जिलों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन होगा। राजपत्रित अधिकारी संघ फेडरेशन के इस चरणबद्ध आंदोलन का पूर्णतः समर्थन करते हुए आंदोलन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

उन्होंने आगे बताया कि भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जनवरी 2024 से महंगाई भत्ता में 4 % वृद्धि के साथ 50 % डी ए स्वीकृत करने, प्रदेश के कर्मचारियों को जुलाई 2019 से देय तिथि पर महंगाई भत्तों के एरियर्स राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में जमा किये जाने, भाजपा घोषणा पत्र के अनुसार प्रदेश के शासकीय सेवकों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिये जाने, केन्द्र के समान गृह भाड़ा भत्ता, भाजपा घोषणा पत्र अनुसार मध्यप्रदेश सरकार की भांति प्रदेश के शासकीय सेवकों को अर्जित अवकाश नगदीकरण 240 दिन के स्थान पर 300 दिन देने का मुद्दा शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मांगों में प्रमुखता से शामिल है।