कवर्धा. छत्तीसगढ़ के कवर्धा  जिले में कुपोषण  अभियान को लेकर राज्य सरकार की योजना को को लेकर विवाद बढ़ गया है. इस जिले में 472 स्कूलों में मिड डे मील में अंडा वितरण को लेकर शिक्षक (Teacher) पालक संघ में सहमति नहीं बनी है. शाला विकास समिति, शिक्षक पालक समिति की बैठक में हुए निर्णय के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकरी को सौंप दिया गया है.

कवर्धा  के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के 1464 स्कूलों से रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिनमें से 803 स्कूलों में अंडा वितरण पर सहमति बनी है. शेष 472 स्कूलों ने अंडा बांटने से साफ मना कर दिया है. इन स्कूलों के करीब 44 हजार बच्चों को अंडा नहीं दिया जाएगा. यहां पर अंडे की जगह केले का वितरण होगा. केले को अंडे के विकल्प के रूप में बच्चों को मिड डे मील में दिया जाएगा.

कवर्धा से शुरू हुआ था विरोध
बता दें कि बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार ने मिड डे मील के मेन्यू में अंडा को शामिल करने का निर्णय लिया. सरकार के इस निर्णय का विरोध कवर्धा जिले में सबसे पहले शुरू हुआ. यहां कबीरपंथियों ने इसका पुरजोर विरोध किया, जिस पर राज्य सरकार ने तर्क दिया कि कुपोषण से लड़ाई लड़ने पहली से आठवीं तक के बच्चें और आंगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में एक दिन अंडे का वितरण होगा, जिसका विरोध होने पर रास्ता निकाला गया कि जो अंडा नहीं खाते उन्हें केला दिया जाएगा.

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