मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगामी चार वर्षाें में दक्षिण बस्तर-दन्तेवाड़ा जिले में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों का प्रतिशत 60 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत से कम करने के लिए मुख्य सचिव को विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए उन्हंे आजीविका के लाभप्रद साधनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने कहा है कि बस्तर प्राधिकरण के लिए आगामी बजट में 100 करोड़ रूपए की राशि आबंटित की जाए और इस राशि को केवल दंतेवाडा जिले में ही खर्च किया जाए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के शुभारंभ समारोह में कहा था कि दक्षिण बस्तर-दंतेवाड़ा जिले में लगभग 60 प्रतिशत परिवार गरीबी रेखा के नीचे है। आगामी 4 वर्षों में इन परिवारों को 20 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य है। इसी घोषणा के तारतम्य में मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा जिले के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि गरीब परिवारों के उत्थान के लिए परिवार वार कार्ययोजना तैयार की जाए और कार्ययोजना का प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में सभी जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर अनुमोदन कराया जाए। उन्होंने कहा है कि जन प्रतिनिधियों से जो भी उपयुक्त सुझाव मिले, उन्हें भी कार्ययोजना में शामिल किया जाए। कार्ययोजना में अतिरिक्त आबंटन की आवश्यकता का आंकलन भी शामिल होना चाहिए। शासन की ओर से आवश्यक धनराशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कार्ययोजना के संबंध में मुख्य सचिव को विस्तृत निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दंतेवाड़ा जिले के गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न उपाए किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि गरीबी रेखा श्रेणी (बी.पी.एल.) के परिवारों को चिन्हित करें और उनके स्थायी आय वृद्धि की गतिविधियों का निर्धारण करें। अधिक से अधिक महिला समूहों का गठन करें और महिला समूहों के माध्यम से मध्यान्ह भोजन का संचालन करें तथा सुपोषण अभियान के तहत गर्म भोजन उपलब्ध कराएं। गौठानों को अजीविका केन्द्रों के रूप में परिवर्तित किया जाए। लघु वनोपजों का संग्रहण, प्रसंस्करण तथा विपणन कार्य में गरीब परिवारों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।