भोपाल: श्रमिकों के लिए लगातार कम हो रहे रोजगार के अवसर और उनको मिलने वाली मेडिकल एवं दुर्घटना बीमा जैसी सुविधाओ में कटौती के विरोध में भारतीय मजदूर संघ 22 मार्च को बडेÞ आंदोलन की तैयारी में जुटा है। संघ की कोशिश है कि विधानसभा सत्र के दौरान एक लाख से ज्यादा मजदूरों को भोपाल की सड़कों पर उतारते हुए कांग्रेस के वचन पत्र में की गई घोषणाओं को लेकर घेरा जाए। इस बारे में भामसं प्रदेश महासचिव कृष्ण प्रताप सिंह की अगुवाई में प्रदेश पदाधिकारियों की ठेंगड़ी भवन में हुई गोपनीय मीटिंग में सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार किया गया। इसमें मांगों के बारे में गांव और कस्बों में मीटिंग करके बताया जाएगा और 22 मार्च को भोपाल पहुंचने के लिए तैयार किया जाएगा।
इन मांगों पर रहेगा जोर
-आशा उषा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाकर अन्य कार्य नहीं लिया जाए। अभी बीपीएल सर्वे से हटाया जाए।
-संविदा कर्मियों को तत्काल नियमित किया जाकर समकक्ष नियमित वेतनमान सहित सारी सुविधाएं दी जाएं।
-तेंदूपत्ता श्रमिकों का लाभांश वितरण के साथ ही उनके कल्याण के लिए की गई घोषणाओं को लागू किया जाए।
-किसानों को फसलों और दूध का समर्थन मूल्य देने के साथ ही बीमा राशि का नगद भुगतान कंपनियों से करवाया जाए।
-मनरेगा श्रमिकों से लेकर खेतिहर मजदूरों का भी सामूहिक बीमा होकर उसका दुर्घटना पर तत्काल राशि मिलनी चाहिए।
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वचन पत्र पर घेरेंगे
कांग्रेस सरकार का रवैया श्रमिक विरोधी है। जायज मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है, बल्कि पूर्ववर्ती सरकार में शुरु की गई सुविधाओं और सेवाओं को भी बदहाल कर दिया गया है। वचन पत्र को लेकर सरकार के खिलाफ भामसं प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन की तैयारी में जुटा है।
कृष्ण प्रताप सिंह, महासचिव, भामसं