निया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और उसका सबसे बड़ा संविधान। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और उनके साथियों ने कड़ी मेहनत के बाद इसका मसौदा तैयार किया और देश के पहले प्रधानमंत्री की ख्वाहिश पर मशहूर कैलिग्राफर ने छह महीने की कड़ी मेहनत के बाद इसे अपने हाथों से लिखकर तैयार किया।
नंदलाल बोस और उनके छात्रों ने इस पर खूबसूरत पेंटिंग भी उकेंरी। इतनी कड़ी मेहनत के बाद संविधान की मूल प्रति किसी महान कलाकृति सी तैयार हो गई। मगर वक्त की मार से इसे बचाकर रखना एक बड़ी चुनौती था। इसलिए इस खास प्रति की सुरक्षा के लिए खास तरीका अपनाया गया।
भारतीय संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखने के लिए हीलियम गैस चेम्बर में रखा गया है। संविधान की मूल प्रति को एक खास कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स सफेद रंग की फिनाइल की गोलियां के साथ रखा गया था।
आग से भी सुरक्षित है हीलियम गैस
हाइड्रोजन के बाद सबसे हल्की गैस हीलियम ही है। इस गैस का कोई रंग नहीं होता और ना ही इससे आग लग सकती है। वातावरण में चाहे तापमान कैसा भी हो, यह बनी रहती है। विमान के टायरों में भी इसका इस्तेमाल होता है। मौसम की जानकारी लेने के इसी गैस को गुब्बारे में भरकर आसमान में छोड़ा जाता है।