रायपुर-  स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा है कि आदिवासी बहुल अधिकांश गावों के बच्चे हिन्दी नहीं जानते हैं, वहां मुख्यमंत्री की मंशानुरूप अब उन्हें उनकी स्थानीय बोली गोंडी, हल्बी, माड़िया आदि में प्रारंभिक शिक्षा दी जाएगी। इन स्कूलों में पाठयक्रम से परिचित होने के बाद हिन्दी माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी, ताकि बच्चे आगे की पढ़ाई हिन्दी में कर सकें। उन्होंने इसके लिए पिछले वर्ष की कक्षा पहली से पांचवी तक की पुस्तक का अनुवाद नीचे स्थानीय भाषा हल्बी, गोड़ी या माड़िया या जो बोली, बोली जाती है, उसका स्पष्ट शब्दों में अनुवाद कर 15 फरवरी तक भेज दें। उन्होंने ऐसे स्कूलों का चिन्हांकन भी करने कहा। डॉ. शुक्ला आज नारायणपुर जिला मुख्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र से अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की झिझक दूर करने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान (एनसीईआरटी) रायपुर में स्पोकन इंग्लिश का चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकारी प्राथमिक स्कूलों में माह अप्रैल से वाचन प्रतियोगिता भी होगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश शिक्षक अंग्रेजी लिखना-पढ़ना जानते है, लेकिन बोलने में झिझकते है। ऐसे शिक्षकों की झिझक दूर करने का यह एक प्रयास है। ऐसे शिक्षक जो स्वैच्छिक रूप से प्रशिक्षण के लिए नाम देंगे, उन्हें ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान कैम्पस में अन्य भाषा में बातचीत नहीं की जाएगी। डॉ. शुक्ला ने कहा कि स्कूलों में संविधान के बारे में भी चर्चा की जाए। देश-प्रदेश के साथ ही जिले के महान विभूतियों के बारें में भी बच्चों को जानकारी दी जाए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ शुक्ला ने कहा कि संकुल स्तरीय प्रतियोगिता कराकर बच्चों का मूल्यांकन उनकी माताएं या अविभावक करेंगे। डॉ. शुक्ला ने कहा कि संकुल स्तर से विकासखण्ड स्तर से जिला स्तर पर चयनित स्कूलों के विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री से मुलाकात करायी जाएगी। प्रमुख सचिव ने जिले के स्कूलों के नवाचारों की भी जानकारी ली। कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक राजीव गाधंी शिक्षा मिशन के अलावा संकुल समन्वयक, प्राचार्य उपस्थित थे।