कोण्डागांव के  बिहारी लाल नाइक, श्री संवल राम और  योगेश्वर यादव सहित कई किसान रायपुर में राष्ट्रीय कृषि मेला घूमने आए थे, लेकिन यहाँ आधुनिक कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी ने उनकी एक बड़ी मुश्किल दूर कर दी। दरअसल ये सभी अपने जिला में वर्षों से मक्के की खेती करते है। बड़ी मात्रा में मक्का की फसल लेने के बाद उसके दाने निकालने के लिए इन किसानों को अपना बहुत ज्यादा समय देना तो पड़ता ही है, साथ में परिश्रम भी ज्यादा करना पड़ता है। मेले में कॉर्न सिलर (मक्का छिलने) की मशीन की प्रदर्शनी और उसका डेमो देखकर किसानों को यह मशीन पसन्द आ गई। कम कीमत में अपनी एक बड़ी समस्या से छुटकारा के लिए इन किसानों ने कॉर्न सिलर की बुकिंग भी कराई है।
कोण्डागांव जिले के फरसगांव से आए किसान बिहारीलाल वैसे तो पांच एकड़ में खेती करते है, लेकिन मक्के की खेती 2 एकड़ में लेते है। बाकी 3 एकड़ में उड़द, कुल्थी, कुटकी लेते है। इसी तरह पासंगी कोण्डागाँव के संवल राम है जो 3 एकड़ में मक्के की फसल लेते हैं। योगेश्वर यादव भी बड़े क्षेत्र में मक्का उत्पादन करते हैं। इन्होंने बताया कि आसपास का भू-भाग मक्का उत्पादन के लिए बेहतर है। क्षेत्र के बहुत से किसान मक्का का उत्पादन करते हैं। कृषि मेला में उन्हें कम वर्षा क्षेत्रों में ली जाने वाली फसल की जानकारी तो मिली ही, उत्पादन को बढ़ाने आधुनिक जैविक उर्वरकों, खेती कार्य को आसान बनाने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करने के बारे में भी जानकारी मिली। बिहारी लाल ने बताया कि मक्का उत्पादन के पश्चात उसे छीलने के लिए बहुत ज्यादा समय देना पड़ता है, जिसमें मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ती है। मेला में कॉर्न सिलर मशीन भी देखने को मिली। कम कीमत में उपलब्ध यह मशीन उनके बहुत काम आ सकती है, इसलिए साथियों के साथ मिलकर इसे बुकिंग भी कराया है। मेले में मक्का छिलने वाली मशीन 8 हजार में और मैनुअल वाली 15 सौ रुपए में उपलब्ध है।