रायपुर: हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा राज्य सरकार की मंशानुरूप और ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में पत्थर शिल्पकारों के हुनर को नया आयाम प्रदान किया जा रहा है। ग्रामोद्योग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा बस्तर वनांचल क्षेत्र के बस्तर विकासखंड के अंतर्गत परचनपाल, भोण्ड, लामकेर, भाटपाल आदि ग्रामों में निवासरत पत्थर शिल्प के शिल्पकारों का सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है तथा शिल्पकला में आने वाली विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों को जानने और समझने के लिए भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से सर्वे भी किया जा रहा है।
कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय, नई दिल्ली की स्वीकृति से हस्तशिल्प बोर्ड द्वारा इसके लिए स्वीकृत 5 अनुबंधित कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, जिनके द्वारा कुल 4 माह में संबंधित क्षेत्र के पत्थर शिल्पकारों का जमीनी स्तर पर और वर्तमान में उनके रहन-सहन एवं सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति के साथ-साथ शिल्पकला तैयार करने में आने वाली कठिनाइयां जैसे कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पादित सामग्री का विक्रय और सामग्रियों के लिए बाजार की व्यवस्था आदि में होने वाली परेशानियों के संबंध में सर्वेक्षण किया जा रहा है। बोर्ड द्वारा सर्वेक्षण कार्य पूर्ण होने के उपरांत संबंधित शिल्पकारों की समस्याओं का नियमानुसार निराकरण बोर्ड और राज्य शासन के स्तर पर करने का प्रयास किया जाएगा।