भोपाल/नईदिल्ली। हमारे प्रधानमंत्री जी ने सभी से 05 अप्रैल को घरों की बत्ती बंद करके दीये जलाने की बात कही थी। एक साथ मिलकर दीये जलाना भारत की आत्मा की सामूहिक अभिव्यक्ति है। इससे सारी दुनिया में यह संदेश जाएगा कि भारत बड़े से बड़े संकट से जूझने और विजय हासिल करने के लिए तैयार है। इसलिए आप सब से मैं यह प्रार्थना करना चाहता हूं कि आज रात्रि 9 बजे, 9 मिनट तक अपने घरों की बिजली बंद करके दीये, टार्च आदि की रोशनी करें। देश और प्रदेशवासियों से यह आह्वान केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्रसिंह तोमर ने रविवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से किया।
सारी दुनिया कर रही भारत का अनुसरण
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्रसिंह तोमर ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में देश के लोग जिस तरह से लॉकडाउन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं, उससे लॉकडाउन सफल हो रहा है। इसके लिए मैं आप सभी को हृदय से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए जो लोग अपनी जान जोखिम में डालकर डालकर योगदान दे रहे हैं, प्रशासन के उन अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य और सफाईकर्मियों, राजनीतिक दलों और स्वयंसेवी संगठनों के कार्यकर्ताओं का भी मैं अभिनंदन करता हूं। श्री तोमर ने कहा कि संकट के इस दौर में मोदी जी जैसा सशक्त और दूरदृष्टा नेतृत्व हमारे पास है, यह सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने इस संकट से मुकाबले के लिए जहां व्यवस्थाओं की जमावट की, वहीं जनता से जुड़ने का भी सफल प्रयत्न किया। श्री तोमर ने कहा कि मोदी जी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू का पालन करके और शाम पांच बजे थालियां, तालियां, शंख, घंटे बजाकर जिस तरह से देश के लोगों ने इतिहास रचा, एकता का परिचय दिया, वह अभूतपूर्व है। आज सारी दुनिया भारत की इस विधा की प्रशंसा और अनुसरण कर रही है।
छिपें नहीं, अधिकारियों को बताएं और इलाज कराएं
श्री तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस का विस्तार न हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। खुद सामाजिक दूरी बनाना और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करना हमारा कर्त्तव्य है। मुझे प्रसन्नता है कि देश के लोग इस कर्त्तव्य का पालन कर रहे हैं। श्री तोमर ने कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग देश में बाहर से आए और उन्होंने अपने आपको छिपाने का प्रयास किया। यह सिर्फ उन लोगों को ही भारी नहीं पड़ा, बल्कि इससे हमारी व्यवस्था को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। श्री तोमर ने कहा कि जो लोग बाहर से आए हैं, कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आए हैं, मेरा उनसे अनुरोध है कि वे अपनी स्थिति छिपाएं नहीं। अधिकारियों को बताएं और चैकअप तथा उपचार कराएं।
प्रधानमंत्री जी को हर वर्ग की चिंता
श्री तोमर ने कहा कि कोरोना से मुकाबले के लिए लॉकडाउन जरूरी है और इसमें थोड़ी परेशानियां होना स्वाभाविक है। लेकिन लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही प्रधानमंत्री जी को हर वर्ग की चिंता रही है। इसीलिए उन्होंने राज्य सरकारों के साथ मिलकर ये सुनिश्चित किया कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कमी न हो। दूध, सब्जी, फल, खाद्य सामग्री और पशुओं का चारा तक उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान कोई भूखा न रहे, इसकी भी चिंता की जा रही है। देश में जहां-जहां, जो-जो लोग फंसे हुए हैं, उनकी भी चिंता की जा रही है। मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से भी यह आग्रह करना चाहता हूं कि ऐसे लोगों की सहायता करने में कोई कसर न छोड़ें। श्री तोमर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गांवों में मजदूरी करने वालों की आजीविका संकट में न पड़े, इसके लिए उन्हें पीडीएस के माध्यम से तीन महीनों का राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा पांच किलो गेहूं और एक किलो दाल नि:शुल्क दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे स्वसहायता समूहों की बहनें सैनिटाइजर और मास्क बनाकर कोरोना से लड़ाई में योगदान दे रही हैं। अभी तक ये समूह 10 लाख रुपये तक का कर्ज ले सकते थे, लेकिन अब इन्हें बिना गारंटी 20 लाख रुपये तक का लोन देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जनधन योजना में शामिल 20 करोड़ बहनों को कुछ सहायता राशि देने की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि 12 करोड़ बहनों के खाते में पांच सौ रुपये भेजे जा चुके हैं।
तोमर ने कहा कि हमारी सरकार ने कोरोना से मुकाबले के लिए कई व्यवस्थाएं की हैं और क्रियान्वयन भी हो रहा है। हमें यह ध्यान रखना है कि व्यवस्थाओं में लगे लोगों में प्रतिस्पर्धा न हो, क्योंकि यह समय प्रतिस्पर्धा का नहीं। उन्होंने कहा कि वैसे भी सेवा में तो प्रतिस्पर्धा नहीं होती यह भाव से होती है। इसमें अगर प्रतिस्पर्धा हो, तो यह समस्या का कारण बन जाती है। ऐसे में हमारी जवाबदारी है कि हम समस्या नहीं, समाधान बनें।