कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने से पहले ही बाजार में हलचल सी मच गई थी और कीमतों पर असर पड़ा था। ICC का यह भी कहना है कि इस संकट का बाजार में रोजगार एवं कमाई पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इसके साथ ही चालू वर्ष में सोने की मांग 30 फीसदी घटकर 690 टन तक सीमित हो सकती है। सोने के आयात के मामले में भारत मार्च में चौथे-पांचवें स्थान पर आ गया। अब तक इस मामले में भारत दूसरे स्थान पर था। भारत से ज्यादा सोने का आयात केवल चीन करता रहा है। दरअसल, भारत में सोने के दाम बढ़ने से घरेलू मांग 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है। लॉकडाउन के पहले ही सराफा बाजार पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा था, लॉकडाउन के बाद तो रत्न एवं आभूषण इंडस्ट्री की भी माली हालत बिगड़ गई है। संस्थानों व फर्म संचालकों के साथ ही कारीगरों पर भी असर हुआ है। रोज कमाने व खाने वाले श्रमिकों के सामने सबसे बड़ा संकट आ गया है। इस उद्योग में करीब 50 लाख लोग काम करते हैं, जो प्रभावित हुए हैं।