बिलासपुर। दान करने की कोई उम्र या कोई पेशा नहीं होता। दानवीर कोई भी हो सकता है भले वो कोई सेठ हो या फिर भिखारी। छत्तीसगढ़ में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है जिसमें सुखमती नाम की एक भिखारी ने चावल दान कर मानवता सेवा की एक मिशाल कायम की है।
अमूमन माना जाता है कि भिखारी सिर्फ मांगने का ही काम करते है परन्तु बिलासपुरजिले की इस भिखारी ने पूरे देश में फ़ैल रही महामारी के समय संकट के दौर में एक छोटा सा दान कर बड़ा दरियादिल दिखाया है। इस महिला सूखमती केस सराहनीय कार्य को देखकर वहां के पार्षद और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केसरवानी ने खुद इस बुजुर्ग महिला के नातिन नातियो को पढ़ाने का खर्चा भी उठाने का संकल्प लििया है।
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही उसके इस सराहनीय कार्य को लोगो के लिए प्रेरणास्रोत बताया।