छत्तीसगढ़–  कोविड-19 के चलते लॉक-डाउन के दौर में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी साबित हो रही है। मनरेगा कार्य शुरू होने से ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है। इससे गांवों की अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्यस्थलों पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के सभी उपायों के साथ ही शारीरिक दूरी और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है। बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में विभिन्न मनरेगा कार्यों में इन दिनों 32 हजार 841 मजदूर काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में व्यापक संख्या में मनरेगा कार्य शुरू कराए जा रहे हैं।

मनरेगा के तहत अभी बिलासपुर जिले की 273 ग्राम पंचायतों में 835 कार्य संचालित हैं। इससे 20 हजार 957 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की 131 ग्राम पंचायतों में 672 कार्य चल रहे हैं। इनमें 11,884 मजदूर कार्यरत हैं। गौरेला जनपद पंचायत के 41 ग्राम पंचायतों में 156 कार्य, पेंड्रा के 30 ग्राम पंचायतों में 185 और मरवाही के 60 ग्राम पंचायतों में 331 कार्य संचालित हैं। बिल्हा जनपद पंचायत के 3154, पेंड्रा के 3812 एवं मरवाही के 4918 श्रमिकों को इन दिनों विभिन्न मनरेगा कार्यों से रोजगार मिला हुआ है।