महाराष्ट्र सरकार घर-घर अखबार वितरण नीति में ढील देने को राजी हो गई है। अब मुंबई, पुणे एवं कंटेनमेंट एरिया (कोरोना प्रभावित क्षेत्र) को छोड़कर अन्य स्थानों पर घर-घर अखबार बांटे जा सकेंगे। वितरण में सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार को यह नया आदेश हाइकोर्ट द्वारा पूछे गए उस सवाल के बाद निकालना पड़ा, जिसमें उसने पूछा है कि अखबारों के वितरण पर रोक लगाने के पीछे उसका तर्क क्या है।
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजोय मेहता की ओर से जारी नए आदेश के अनुसार 20 अप्रैल, 2020 से प्रिंट मीडिया को लॉकडाउन से छूट दी जा चुकी है। पहले इस छूट में अखबारों एवं पत्रिकाओं का घर-घर वितरण प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन मंगलवार को जारी नए आदेश के अनुसार मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (एमएमआर) तथा पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (पीएनसी) क्षेत्र सहित कोविड-19 के कारण जिलाधिकारी द्वारा घोषित सभी कंटेनमेंट क्षेत्रों को छोड़कर अन्य स्थानों पर अखबारों एवं पत्रिकाओं के घर-घर वितरण पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा।
भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआइ) ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी कर अखबारों व पत्रिकाओं के घर-घर वितरण पर पाबंदी लगाने के निर्णय पर स्पष्टीकरण मांगा है। प्रेस परिषद के अध्यक्ष सी के प्रसाद ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। प्रेस परिषद ने अन्य राज्य सरकारों को लॉकडाउन के दौरान अखबारों का प्रकाशन और वितरण सुचारु रूप से कराने की सलाह दी है।