छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना से कबीरधाम जिले की ग्राम पंचायत राजानवागांव के पांच स्व-सहायता समूहों की लगभग 100 महिलाओं ने बंजर भूमि को खेती-बाड़ी के लायक बनाकर सब्जियों की खेती करना शुरू किया। अब यहां हरी सब्जियों का उत्पादन शुरू हो गया है और इससे महिलाओं को आमदनी भी होने लगी है। इससे महिलाओं को रोजगार मिला गया है। समूह की महिलाएं इस अनुपयोगी जमीन को खेती के लिए तैयार कर भिंडी, करेला, barbati , ककड़ी और लौकी की खेती कर रही हैं। यहां पर मनेरगा के तहत एक तालाब का भी निर्माण किया गया है, ताकि महिला समूहों को मछली पालन व्यवसाय से भी जोड़ा जा सके।   जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार की ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने वाली सुराजी गांव योजना से राजानवागांव के आसपास के पांच अलग-अलग समूह को जोड़ा गया। इन सभी समूह को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें मल्टीयुटीलिटी सेन्टर से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण मिलने के बाद समूह की महिलाओं की जीवन स्तर को उन्नत करने और नियमित रूप से रोजगार देने के लिए अनुपयोगी खाली जमीन को उन्हंे दिया गया। पांच अलग-अलग महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों ने जिला प्रशासन की मदद से अपनी दिन-रात की कड़ी मेहनत कर पांच एकड़ खाली बंजर जमीन को खेती के लिए तैयार किया।
  कबीरधाम जिले की इस अभिनव पहल से पांच महिला स्वसहायता समूहों की सौकड़ों महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिल रहा है। श्री साईराम महिला स्वसहयता समूह की अध्यक्ष द्रोपति मानिकपुरी, राधारानी समूह की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी राव, भारत माता स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सुश्री सुनिता श्रीवास, मां दुर्गा समूह की अध्यक्ष सुश्री राजबाई पटेल और कुकमुम भाग्य समूह की अध्यक्ष श्रीमती पार्वती धुर्वे ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण एवं जिला पंचायत कबीरधाम के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने महिला समूह की मेहनत की तारीफ की है ।