रायपुर –  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 30 हजार करोड़ की अर्थिक मदद मांगी है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में सीएम ने तीन महीने में योजनाओं को पूरा करने और रोजमर्रा के कामकाज के लिए पैसे की मदद मांगी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कोरोना की वजह से राज्यों को राजस्व प्राप्ति के सम्बंध में छूट देने की भी मांग के साथ लॉकडाउन में मिठाई दुकानों खोलने की छूट मांगी है। इससे दुग्ध उत्पादक कृषकों का दूध बिकेगा। इसके अलावा उन्होंने संपत्तियों के क्रय-विक्रय के पंजीयन की छूट, वाहनों के शो रूम का संचालन एवं पंजीयन, शहरों में निर्माण कार्यों शुरू करने, गर्मी को देखते हुए एयर कंडिशनर, कूलर एवं फ्रिज के शो रूम खोलने साथ ही रिपेयरिंग कार्य और ग्रीन जिलों में रीटेल कार्य करने देनी छूट मांगी है।

उन्होंने पत्र में बताया कि कोरोना को रोकने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में 21 मार्च से लॉकडाउन प्रभावी किया गया लेकिन इसके कारण राज्य में सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां ठप है. राज्य की आय के प्रमुख स्रोत खनन गतिविधियां, आबकारी, जीएसटी , संपत्तियों का पंजीयन, वाहनों का पंजीयन तथा वन सम्पदा आदि है. केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से 3 मई तक केवल अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी है, जिनसे राज्य के राजस्व प्राप्ति में कोई विशेष सहायता नहीं मिली है.

मुख्यमंत्री ने पत्र में बताया कि कोरोना को रोकने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य में 21 मार्च से लॉकडाउन प्रभावी किया गया लेकिन इसके कारण राज्य में सभी प्रकार की आर्थिक गतिविधियां ठप है। राज्य की आय के प्रमुख स्रोत खनन गतिविधियां, आबकारी, जीएसटी , संपत्तियों का पंजीयन, वाहनों का पंजीयन तथा वन सम्पदा आदि है।केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से 3 मई तक केवल अत्यावश्यक सेवाओं से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के संचालन की अनुमति दी है। जिनसे राज्य के राजस्व प्राप्ति में कोई विशेष सहायता नहीं मिली है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह किया है कि राज्य को आगामी तीन माह में केंद्र सरकार कम से कम 30 हजार करोड़ की आर्थिक मदद की जाए। इसमें से 10 हजार करोड़ रूपए तत्काल जारी किए जाने चाहिए, ताकि उद्योग, व्यवसाय, सेवा क्षेत्र एवं कृषि क्षेत्र को आर्थिक सहायता की जा सके। मोदी से आग्रह किया है कि राज्य को आगामी तीन माह में केंद्र सरकार कम से कम 30 हजार करोड़ की आर्थिक मदद की जाए। इसमें से 10 हजार करोड़ रूपए तत्काल जारी किए जाने चाहिए, ताकि उद्योग, व्यवसाय, सेवा क्षेत्र एवं कृषि क्षेत्र को आर्थिक सहायता की जा सके।